मोदी सरकार की सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर तो विवाद रहा ही है, लेकिन अब इसी प्रोजेक्ट का हिस्सा नये संसद भवन के ऊपर लगाए गए राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न पर विवाद हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस प्रतीक चिह्न का अनावरण किया और इसपर सवाल उठने लगे। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न के मूल रूप से छेड़छाड़ की गई है और उसके हावभाव को बदला गया है। इस पर आपत्ति करने वालों में सीपीएम, टीएमसी, राजद, आम आदमी पार्टी के नेता शामिल हैं। हालाँकि, प्रतीक चिह्न के डिजाइनरों ने दावा किया है कि राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
जिस राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न का पीएम ने अनावरण किया उस पर विवाद क्यों?
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- 12 Jul, 2022
नये संसद भवन के ऊपर लगाए गए राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न पर विवाद क्यों हुआ? जानिए विपक्षी दलों ने क्यों कहा कि मूल प्रतीक चिह्न में बदलाव किया गया हैै।

उनके दावों के उलट राजनीतिक दलों के नेताओं और आम लोगों ने पहले के राष्ट्रीय चिह्न के साथ इसकी तुलना कर बदलाव को साफ़ तौर पर दिखाने की कोशिश की है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता थॉमस इसाक ने कहा है, 'अशोक स्तम्भ जैसे राष्ट्रीय प्रतीकों को अपवित्र करने का अधिकार किसी को नहीं है। मोदी ने राष्ट्रीय प्रतीक पर दुबले, शांत और शालीन शेरों को ग़ुस्सैल, तंदुरुस्त और ख़तरनाक शेरों में बदल दिया है। हिंदुत्व परिवर्तन का सच्चा मॉडल।'