देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और अब तक कम से कम 219 मामले आ चुके हैं। इसके साथ ही डेल्टा वैरिएंट के मामले भी आ रहे हैं और कोरोना के मूल रूप के संक्रमण के मामले भी आ रहे हैं। वैसे तो किसी व्यक्ति में यह पता करने के लिए कि कौन से वैरिएंट का संक्रमण है, जाँच ही सबसे सटीक उपाय है, लेकिन क्या इसे लक्षणों से पहचाना जा सकता है? यह सवाल इसलिए कौंधता है क्योंकि सामान्य सर्दी-जुकाम होने पर भी कोरोना संक्रमण का डर सताने लगता है।
ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट के लक्षणों में अंतर बताने वाले कुछ शोध सामने आए हैं। जब तक कि सटीक जाँच रिपोर्ट न आ जाए, इन शोध से भी कुछ हद तक इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि आख़िर कौन से वैरिएंट का संक्रमण हो सकता है।
अधिकांश आरटीपीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट से कोरोना संक्रमण का पता लग सकता है। इसमें ओमिक्रॉन, डेल्टा वैरिएंट जैसे म्यूटेशन भी शामिल हैं। लेकिन इन जाँचों से यह पता नहीं चलता कि वे किस प्रकार के वैरिएंट से संक्रमित हैं।
शुरुआती आँकड़ों से कुछ अलग-अलग लक्षण सामने आए हैं, लेकिन विशेषज्ञ निश्चित नहीं हैं कि वे कितने सटीक हैं। मिसाल के तौर पर दक्षिण अफ्रीका के सबसे बड़े निजी स्वास्थ्य बीमाकर्ता द्वारा पिछले सप्ताह जारी किए गए डेटा से पता चलता है कि ओमिक्रॉन वाले दक्षिण अफ़्रीकी लोगों को अक्सर गले में जलन व खरास, नाक जाम होने, सूखी खांसी और मांसपेशियों में दर्द, विशेष रूप से पीठ के निचले हिस्से में दर्द की शिकायतें रहीं।
लेकिन कुछ विशेषज्ञ इन लक्षणों के बारे में कहते हैं कि ये सभी लक्षण डेल्टा वैरिएंट के भी हैं और मूल कोरोना वायरस के भी। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में एक नर्स प्रैक्टिशनर एशले जेड रिटर ने यही कहा। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में एक संक्रामक रोग चिकित्सक डॉ. ओटो ओ यांग ने कहा कि ओमिक्रॉन और पहले के वैरिएंट के लक्षणों बीच यदि अंतर हैं तो वे शायद काफी सूक्ष्म हैं।
एक संभावित अंतर यह है कि पहले के वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन में स्वाद और गंध जाना कम हुआ है।
शोध से पता चलता है कि मूल कोरोना स्ट्रेन वाले 48 प्रतिशत रोगियों को गंध का पता नहीं चलता था और 41 प्रतिशत को स्वाद का पता नहीं चलता था। लेकिन नीदरलैंड में टीकाकरण वाले लोगों में हुए ओमिक्रॉन संक्रमण के विश्लेषण में पाया गया कि केवल 23 प्रतिशत रोगियों को स्वाद का पता नहीं चला और केवल 12 प्रतिशत को गंध का पता नहीं चला। लेकिन इसके साथ यह भी कहा गया कि यह स्पष्ट नहीं है कि यह अंतर किस कारण से है- ओमिक्रॉन या टीकाकरण की स्थिति जैसे किसी अन्य वजह से।
विशेषज्ञों का कहना है कि किसी व्यक्ति को लगे टीके के कारण कोरोना के लक्षण अलग हो सकते हैं। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी मेयर्स कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग में सहायक प्रोफेसर माया एन क्लार्क-कुटैया ने कहा कि डेल्टा और ओमिक्रॉन के मरीज़ों में क़रीब-क़रीब एक जैसे लक्षण ही हैं। टीके लगाए हुए ओमिक्रॉन संक्रमित मरीजों में सिरदर्द, शरीर दर्द और ठंड के साथ बुखार की शिकायतें आई हैं। डेल्टा और मूल कोरोना से संक्रमित बिना टीका लगाए लोगों में उसी तरह के फ्लू जैसे लक्षणों के साथ-साथ साँस लेने में तकलीफ और खाँसी होने की संभावना अधिक होती है।
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