गाँधी परिवार से स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एसपीजी सुरक्षा को हटाने पर बवाल हो गया है। कांग्रेस की तरफ़ से ज़ोरदार प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर विरोध जताया और पार्टी के छात्र संगठन एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने गृह मंत्री अमित शाह के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने एसपीजी सुरक्षा बहाल करने की माँग की।
सरकार ने गाँधी परिवार में सोनिया गाँधी, उनके बेटे राहुल गाँधी और उनकी बेटी प्रियंका गाँधी वाड्रा को दी गई एसपीजी सुरक्षा हटा ली है। उन्हें अब जेड प्लस सुरक्षा ही मिलेगी। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह व्यक्तिगत नफ़रत, बदले की आग और राजनीतिक प्रतिशोध में अंधे हो चुके हैं। उन्होंने कहा, 'दो पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा, गाँधी और राजीव गाँधी की हत्या की गई थी और यह अटल बिहारी वाजपेयी थे जिन्होंने इंदिरा और राजीव के परिवार को एसपीजी सुरक्षा दिया था, लेकिन मोदी और अमित शाह ने हटा दिया।'
इस ख़बर के आने के बाद ही सोनिया गाँधी के राजनीतिक सलाहकार ने ज़बरदस्त प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई है। उन्होंने गाँधी परिवार में दो लोगों की हत्या और इस कारण ख़तरा होने का हवाला भी दिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर कांग्रेस समर्थकों ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। इसी बीच एनएसयूआई ने प्रदर्शन किया।
Delhi: Congress workers protest near Home Minister Amit Shah's residence against Govt's decision to withdraw SPG cover from the Gandhi family pic.twitter.com/OXy5WFFEef
— ANI (@ANI) November 8, 2019
अब इस मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। इसके और भी बढ़ने की संभावना है। कांग्रेस के नेता इसे गाँधी परिवार की सुरक्षा को डाउनग्रेड करने यानी घटाने के तौर पर लिया है।
कांग्रेस के नेता गाँधी परिवार के सदस्यों की जान को ख़तरा का हवाला देकर एसपीजी सुरक्षा फिर से बहाल करने की माँग कर रहे हैं। ऐसा नहीं होने पर सरकार और कांग्रेस के बीच वार-पलटवार होना तय है। संसद का शीतकालीन सत्र भी शुरू होने को है। ऐसे में यह मुद्दा संसद में भी उठाया जा सकता है। इस पर भी हंगामे की संभावना रहेगी। हालाँकि देखने वाली बात यह रहेगी कि कहीं इस मुद्दे के कारण आर्थिक संकट सहित देश के सामने मौजूद दूसरे मुद्दे से ध्यान न भटक जाए।
गाँधी परिवार का यह मामला पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने के बाद आया है। मनमोहन सिंह के मामले में सरकार ने कहा था कि इंटेलिजेंस सूत्रों से ख़तरा कम होने की रिपोर्ट मिलने के बाद यह फ़ैसला लिया गया। हालाँकि, गाँधी परिवार के मामले में ऐसी कुछ रिपोर्ट नहीं आई है। एसपीजी सुरक्षा हटाने की ख़बर सूत्रों के हवाले से ही आई है।
रिपोर्टों के अनुसार गाँधी परिवार की सुरक्षा के मामले में यह फ़ैसला सुरक्षा की समीक्षा के बाद लिया गया। गृह मंत्रालय सुरक्षा की समीक्षा करता है और इस संबंध में सुरक्षा के स्तर का फ़ैसला लेता है। जेड प्लस सुरक्षा मिलने का मतलब है कि उन्हें अब सेंट्रल रिज़र्व पुलिस फ़ोर्स यानी सीआरपीएफ़ के 100 जवान उनकी सुरक्षा में लगे रहेंगे।
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