नये आयकर विधेयक (Income-tax Bill) में इनकम टैक्स अधिकारियों को सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल खातों तक पहुंचने की ताकत देने का प्रस्ताव है। इसमें ऑनलाइन निवेश, ट्रेडिंग और बैंकिंग खाते, साथ ही ईमेल सर्वर की जांच शामिल हैं। इस नए आयकर विधेयक में सर्वे, तलाशी और जब्ती के दौरान आयकर अधिकारियों द्वारा जानकारी मांगने की पावर के तहत "वर्चुअल डिजिटल स्पेस" को परिभाषित किया गया है। यानी आसान शब्दों में समझना है तो ये समझिये कि आप ऑनलाइन कुछ भी पेमेंट करते हैं, या पेमेंट पाते हैं, सरकार को उसकी जांच का पूरा अधिकार होगा। आपकी हर डिजिटल गतिविधि सरकार की नजर में रहेगी। यहां तक कि आपके गोपनीय ईमेल भी अब गोपनीय नहीं रह जायेंगे।
नये आयकर बिल के खतरेः आपकी हर डिजिटल गतिविधि पर सरकार की नज़र
- देश
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- सत्य ब्यूरो
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- 9 Mar, 2025
नए आयकर विधेयक 2025 के बारे में जानिये। जो सरकारी अधिकारियों को तलाशी और जब्ती के दौरान सोशल मीडिया, ऑनलाइन खातों और वर्चुअल डिजिटल स्पेस तक पहुँचने की ताकत देगा। आपकी हर गतिविधि पर सरकार की नज़र रहेगी।

क्या है वर्चुअल डिजिटल स्पेस
इस विधेयक में वर्चुअल डिजिटल स्पेस को "ऐसा कोई डिजिटल क्षेत्र जो आपको कंप्यूटर तकनीक के माध्यम से बातचीत करने, संवाद करने और गतिविधियां करने की अनुमति देता हो" के रूप में परिभाषित किया गया है। आपकी ऑनलाइन प्राइवेसी का कोई मतलब नहीं रह जायेगा। आप चाहे जितने पासवर्ड से अपना ईमेल सुरक्षित कर लें। सरकार को उसे पढ़ने/जांचने/देखने का अधिकार होगा।