पिछले हफ्ते जब गूगल “विलो” नमक नया क्वांटम कंप्यूटिंग टेक्नोलोजी- आधारित चिप लांच करने की घोषणा कर रहा था –जिसे सुन कर एलोन मस्क को भी कहना पडा ,“वाओ”—उस समय भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संसद में नेहरु के नाम का मर्सिया पढ़ते हुए बता रहे थे कि 70 साल पहले के निजाम की गलतियों से देश किस रसातल में चला गया. एआई के दौर को पीछे छोड़ता हुआ चीन इस समय जब क्वांटम कंप्यूटिंग पर शोध में अमेरिका और यूरोपियन यूनियन से कई गुना ज्यादा खर्च कर इस टेक्नोलोजी की मास्टरी में लगा हुआ है उस समय भारत का रहनुमा और उसके लोग मस्जिदों के नीचे मंदिर की तलाश कर रहे हैं.
मोदी को आप कैसे याद रखना चाहेंगे, नेहरू से जलन में देश की सोच कहां पहुंच गई?
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- 21 Dec, 2024
भाजपा अपने गिरेबान में झांकने को तैयार नहीं है। कांग्रेस के लिए अभी सड़ा हुआ ईको सिस्टम शब्द इस्तेमाल किया गया। और ये बात वो लोग कह रहे हैं जिसके लम्पट वर्ग ने भाजपा के कार्यकर्ता और हिंदुत्व के “टॉर्च बियरर” के रूप में अख़लाक़, पहलू खान, तबरेज और जुनैद की लिंचिंग की और उन्हें सम्मानित किया गया। बाकी लोग मस्दिदों के नीचे मंदिर तलाश रहे हैं। नेहरू को गालियां बक रहे हैं। दूसरी तरफ चीन समेत दुनिया के तमाम देश आर्टिफिशल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में कहां से कहां पहुंच रहे हैं। लेकिन जब कुएं में भांग पड़ी हो तो क्या ही किया जा सकता है।
