जाति जनगणना पर फिर से मोदी सरकार का रूख एकदम साफ़ हो गया है। वह इसके पक्ष में नहीं है। मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दो टूक कह दिया है कि जाति जनगणना नहीं हो सकती है क्योंकि यह व्यावहारिक नहीं है। सरकार ने कहा है कि जनगणना के दायरे से एससी-एसटी के अलावा किसी भी अन्य जाति की जानकारी जारी नहीं करना एक समझदारी वाला नीतिगत निर्णय है। हालाँकि सरकार ने पहले भी ऐसा जवाब दिया था, लेकिन बाद में बीच-बीच में बीजेपी नेताओं ने ऐसे बयान दिये कि लगने लगा कि शायद दबाव में बीजेपी जाति जनगणना पर अपनी राय बदल ले! बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने कह दिया था कि बीजेपी जाति जनगणना की विरोधी नहीं है। हाल ही में जाति जनगणना की मांग के लिए प्रधानमंत्री से मिलने वाले बिहार के एक प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी नेता भी शामिल थे।