'बहुत हुआ महिलाओं पर अत्याचार, अबकी बार मोदी सरकार' यह नारा देकर सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा देकर यह साबित करने की कोशिश की थी कि महिला सुरक्षा और उनके सम्मान की उन्हें बहुत चिंता है। लेकिन ये तमाम नारे और दावे उस वक्त हवाई साबित हो गए जब सरकार की नाक के नीचे दूरदर्शन में काम करने वाली महिलाओं के यौन शोषण के आरोप लगे और अभियुक्तों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं हुई। महिला विकास मंत्री को लिखी चिट्ठी के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रधानमंत्री कार्यालय के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए अभियुक्तों को सज़ा देने के बजाय उन्हें बचाया गया। इन हालात में प्रधानमंत्री से सवाल तो बनता ही है कि आखिर कार्यस्थल पर काम करने वाली महिलाओं को यौन शोषण से कैसे बचाया जाए।