इस साल सितंबर में सऊदी अरब सरकार की स्वामित्व वाली अरामको रिफ़ाइनरी में हुए ड्रोन हमले के बाद खलबली मची। दुनिया भर में चिंताएँ तेज़ हुईं कि तेल की सप्लाई में क्या रुकावटें पैदा होंगी? सूत्रों के मुताबिक़ सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री ने अपने भारतीय समकक्ष के साथ फ़ोन पर बात की और आश्वस्त किया कि भारत को तेल निर्यात पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ख़ुद सल्तनत के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने मामले में निजी रूप से निगरानी रखी। दोनों ओर कूटनीतिक संपर्क रहा और नई दिल्ली ने चैन की साँस ली। भारत की ज़रूरतों के तेल की 18 फ़ीसदी और एलपीजी की लगभग 30 प्रतिशत पूर्ति सऊदी से आयात के ज़रिए होती है। अमेरिकी प्रतिबंधों की तलवार की वजह से पारंपरिक मित्र ईरान से आज भारत की तेल की ख़रीदारी शून्य हो चुकी है, जबकि कुछ साल पहले तक यह लगभग 20 फ़ीसदी थी। ऐसे में ड्रोन हमले के बावजूद सऊदी के शाही परिवार की तरफ़ से तेल सप्लाई बाधित न होने के भरोसे के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को क्राउन प्रिंस का शुक्रिया अदा किया।