मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, सेशेल्स के उप-राष्ट्रपति अहमद अफीफ जैसी शख्सियतों की उपस्थिति में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में और नेता मंत्री पद की शपथ ले रहे थे तो इसमें एक भी मुस्लिम शामिल नहीं थे। यह उस देश की सरकार में ऐसी स्थिति है जहाँ की कुल आबादी 140 करोड़ में से क़रीब 22 करोड़ मुस्लिम हैं।
मोदी सरकार 'मुस्लिम मुक्त'? देश में पहली बार कोई भी मुस्लिम मंत्री नहीं
- देश
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- सत्य ब्यूरो
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- 10 Jun, 2024
नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रधानमंत्री पद की लगातार तीसरी बार शपथ ली। इसमें 72 मंत्रियों ने भी शपथ ली, लेकिन इसमें कोई भी मुस्लिम नहीं था? 22 करोड़ मुस्लिमों वाले देश में उनका कोई प्रतिनिधित्व नहीं?

देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि भारत सरकार में मुस्लिम समुदाय से किसी का भी प्रतिनिधित्व नहीं है। आख़िरी बार प्रधानमंत्री मोदी के पिछले कार्यकाल में आख़िरी मुस्लिम मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी थे। वैसे, इस बार बीजेपी से कोई भी मुस्लिम सांसद नहीं चुना गया है। दूसरे दलों से भी सांसदों की संख्या में भी कमी आई है। पिछले चुनाव में 27 के मुकाबले इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में महज 23 मुसलमान उम्मीदवार ही चुनाव जीतकर आए हैं। वैसे, इस बार दलों ने मुस्लिम प्रत्याशियों को उतारने में भी झिझक दिखाई थी। कांग्रेस ने 19, सपा ने 4, आरजेडी ने दो, टीएमसी ने 6 और बसपा ने 22 मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे। एनडीए ने चार मुस्लिमों को टिकट दिया था जिसमें से एक उम्मीदवार बीजेपी की ओर से था। इनमें से कोई जीत नहीं सका।