भारत के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट को 'तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक' बताते हुए खारिज कर दिया। मंत्रालय ने कहा कि यह रिपोर्ट तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर एक खास राजनीतिक नैरेटिव को फिट करने की कोशिश करती है। यह विवाद सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल से जुड़े आरोपों को लेकर शुरू हुआ। इस पर न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया था कि उसने संवेदनशील तकनीक को रूस तक पहुँचाया। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक ब्रिटिश कंपनी से तकनीक को पाने के बाद एचएएल ने कथित रूप से रूसी कंपनी को खेपें भेजीं।
HAL ने रूस को दी संवेदनशील तकनीक? भारत बोला- NYT की रिपोर्ट ग़लत
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- 1 Apr, 2025
विदेश मंत्रालय ने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट को खारिज करते हुए HAL पर लगे आरोपों को गलत बताया। जानें भारत सरकार का पक्ष और विवाद की पूरी सच्चाई।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि 2023 और 2024 के बीच, ब्रिटिश एयरोस्पेस कंपनी एचआर स्मिथ ग्रुप ने एचएएल को प्रतिबंधित तकनीक की आपूर्ति की। बाद में कई तकनीक रूस की सरकारी हथियार एजेंसी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट तक पहुँची। रिपोर्ट के मुताबिक, एचएएल ने एचआर स्मिथ की सहायक कंपनी टेकटेस्ट से 118 शिपमेंट में क़रीब 20 लाख डॉलर की प्रतिबंधित तकनीक प्राप्त की। उसी दौरान, एचएएल ने रोसोबोरोनएक्सपोर्ट को कम से कम 13 शिपमेंट भेजे, जिनका मूल्य 1.4 करोड़ डॉलर से ज़्यादा था।