क्या बड़े प्राइवेट कॉलेज और विश्वविद्यालयों के दरवाजे केवल ऊंची जाति वालों के लिए हैं? लोकसभा में पेश की गई एक रिपोर्ट ने सभी बड़े-चमकदार नामों वाले कॉलेज और विश्वविद्यालयों की पोल खोल दी है।
नामी कॉलेजों पर सवर्णों का कब्ज़ा, ग़ायब हैं दलित-आदिवासी!
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- 1 Apr, 2025
देश के शीर्ष कॉलेजों में दलित और आदिवासी छात्रों की भागीदारी चिंताजनक रूप से कम क्यों है? क्या आरक्षण का सही से पालन नहीं हो रहा? जानें शिक्षा में सामाजिक असमानता का विश्लेषण।

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मणिपाल और सिम्बायोसिस जैसे भारत के टॉप 30 प्राइवेट विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों में केवल 5% दलित अथवा अनुसूचित जाति के हैं। अनुसूचित जनजाति समूह से आने वाले छात्रों की संख्या तो और कम, केवल 1% है।
इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। जैसे बीआईटी पिलानी जिसे देश के सबसे नामी तकनीकी संस्थानों में एक माना जाता है, वहाँ केवल ऊंची जातियों के ही छात्र पढ़ रहे हैं। एक भी छात्र एससी, एसटी या ओबीसी कैटेगरी का नहीं है।