loader

कांग्रेस में मनमोहन के लिए भारत रत्न की मांग तेज, क्या बीजेपी चाहेगी?

क्या देश में आर्थिक सुधारों के जनक कहे जाने वाले डॉ. मनमोहन सिंह को भारत रत्न मिलेगा? कम से कम कांग्रेस की ओर से इसकी मांग तेज हो गई है। तेलंगाना विधानसभा ने तो मनमोहन सिंह को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का आग्रह करने वाला प्रस्ताव पारित कर लिया है। अब कांग्रेस में एक के बाद एक नेता पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए भारत रत्न की मांग कर रहे हैं। लेकिन क्या बीजेपी इसके लिए तैयार होगी?

इस सवाल का जवाब तो बीजेपी ही जानती होगी, लेकिन मनमोहन सिंह के प्रति उसके रवैये से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह इसके बारे में क्या सोच रही होगी। बीजेपी के रुख को जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर मनमोहन सिंह का देश के लिए क्या योगदान रहा है और कांग्रेस नेता क्या मांग कर रहे हैं।

ताज़ा ख़बरें

सही मायने में डॉ. मनमोहन सिंह ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिनके दस साल के कार्यकाल के दौरान देश के नागरिकों को सूचना का अधिकार अधिनियम, शिक्षा का अधिकार अधिनियम, वनाधिकार अधिनियम (संशोधन), खाद्य सुरक्षा अधिनियम, भूमि सुधार एवं अधिग्रहण अधिनियम और मनरेगा जैसे आधा दर्जन से अधिक ऐसे संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार मिले, जिन पर किसी भी नागरिक को गर्व होना चाहिए। बेशक, 2009 से 2014 तक का उनका दूसरा कार्यकाल विवादों में घिरा रहा, लेकिन यह जगजाहिर हो चुका है कि जिस 2जी स्पेक्ट्रम और कोयला घोटाले के कारण उनकी सरकार पर "पॉलिसी पैरालिसिस" के आरोप लगे, वे कोर्ट में दम तोड़ चुके हैं। लेकिन देखते ही देखते ऐसा कथानक गढ़ा गया, जिसने उनकी छवि को दागदार बना दिया।

ऐसे ही आरोपों के बीच 2017 में नरेंद्र मोदी ने कहा था, 'इस दौरान इतने सारे घोटाले हुए... हम लोग डॉ. साहब से काफ़ी कुछ सीख सकते हैं। इतना कुछ हुआ, लेकिन उनके दामन पर एक भी दाग़ नहीं लगा। बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाने की ये कला तो डॉक्टर साहब से ही सीखी जा सकती है।' जब मोदी मनमोहन सिंह को घेर रहे थे तो वह राज्यसभा में ही बैठे थे। लेकिन खुद यही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि मनमोहन सिंह का जीवन उनकी ईमानदारी और सादगी का प्रतिबिंब है। पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हर दल के नेताओं के लिए हमेशा उपलब्ध रहे। वह एक विलक्षण नेता और एक नेकदिल इंसान थे।

मनमोहन सिंह को देश में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में 'भारत में आर्थिक सुधारों के जनक' के तौर पर जाना जाता है। 2010 में टोरंटो में जी20 सम्मेलन से पहले द्विपक्षीय बातचीत से पहले ओबामा ने उनके बारे में कहा था, "मैं आपको बता सकता हूं कि यहां जी 20 में जब प्रधानमंत्री बोलते हैं, तो लोग सुनते हैं। इसलिए क्योंकि अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों, वैश्विक ताकत बनने की भारत की बारीकियों और वैश्विक शांति और समृद्धि के प्रति उनकी गहरी समझ है।"
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, पूर्व जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल जैसे वैश्विक नेताओं ने अपने संस्मरणों में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री को बुद्धिमान, विचारशील और ईमानदारी से काम करने वाले व्यक्ति के रूप में क़रार दिया है।

इन्हीं मनमोहन सिंह को तेलंगाना विधानसभा द्वारा भारत रत्न देने का आग्रह करने वाला प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि वह तेलंगाना सरकार के प्रस्ताव का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं केंद्र से प्रस्ताव स्वीकार करने का आग्रह करता हूं। मनमोहन जी हमारे देश के महान नेता थे और उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए।'

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुभ्रांश कुमार राय ने कहा कि तेलंगाना विधानसभा ने ऐसे व्यक्ति के लिए भारत रत्न की मांग की है, जिसने शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, मनरेगा और अन्य जैसे मुद्दों की वकालत की। उन्होंने कहा कि यह उचित ही है कि देश का सर्वोच्च सम्मान उन्हें दिया जाए।

देश से और ख़बरें

यह प्रस्ताव भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों के कुछ ही दिनों बाद आया है कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 2013 में मनमोहन सिंह को पुरस्कार देने के लिए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की सिफारिश का जवाब नहीं दिया था। पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने अख़बार से कहा, 'विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने के बजाय रेवंत रेड्डी को सोनिया गांधी से पूछना चाहिए, जैसा कि शर्मिष्ठा मुखर्जी जी ने खुलासा किया है, कि प्रणब द्वारा पेश किया गया एक समान प्रस्ताव (मनमोहन सिंह के प्रमुख सचिव) पुलक चटर्जी को क्यों नहीं भेजा गया? भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया? यह केवल यह दर्शाता है कि परिवार किसी भी गैर-नेहरू-गांधी प्रधानमंत्री से असुरक्षित है।'

नाम न बताने की शर्त पर एक अन्य भाजपा नेता ने दावा किया कि कांग्रेस सिख वोटों पर नज़र रखते हुए डॉ. सिंह के प्रति प्रतिबद्धता दिखा रही है। नेता ने आगे कहा कि इस कदम का कोई राजनीतिक प्रभाव नहीं होगा क्योंकि केंद्र ने मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाने की मांग पहले ही स्वीकार कर ली है। 

कांग्रेस के प्रवक्ता सुभ्रांश कुमार राय ने मनमोहन सिंह को 2013 में भारत रत्न न दिए जाने के आरोप को खारिज करते हुए इसे सरासर झूठ बताया और भाजपा से इस दावे के दस्तावेजी सबूत सार्वजनिक करने को कहा।

रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'अगर कुछ राज्य ऐसा प्रस्ताव पारित कर रहे हैं, तो हम इसका स्वागत करते हैं, लेकिन हमने उन्हें ऐसा कुछ करने के लिए नहीं कहा है।' 

बता दें कि मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक स्थल को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच वाकयुद्ध अभी भी जारी है। लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर ने पूछा, 'जिस तरह से मोदी ने डॉ. साहब को यमुना के तट पर अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं दी और जिस तरह से उनके मंत्रियों ने उनके परिवार को किनारे लगाया, वह शर्मनाक है। अगर राहुल गांधी निजी तौर पर यात्रा करते हैं, तो आपको इससे क्या परेशानी है?' मंगलवार को तिवारी ने दावा किया कि राहुल गांधी की यात्रा पूर्व नियोजित थी। इससे पहले केंद्र की मोदी सरकार काफी आनाकानी के बाद मनमोहन स्मारक के लिए जमीन देने पर सहमत हुई थी। इसकी जानकारी शुक्रवार देर रात मीडिया को दी गई। इससे पहले सरकार पूर्व प्रधानमंत्री के स्मृति स्थल के लिए जमीन देने में आनाकानी कर रही थी। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें