मद्रास हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह पुडुचेरी में आधार डिटेल्स का चुनाव प्रचार में दुरुपयोग करने के आरोप की जाँच पूरी कर 30 मार्च तक उसे रिपोर्ट सौंपे। हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को इस मामले में 'मुद्दा टालने' को लेकर फटकार लगाई और कहा कि इस मामले को पूरी गंभीरता से देखा जाए।
बीजेपी पर आरोप लगाया गया है कि उसने आधार डिटेल्स से वोटरों का फ़ोन नंबर निकाला और उनसे संपर्क किया है।
क्या कहा है अदालत ने?
मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और जस्टिस सेंथिलकुमार राममूर्ति की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि 'चुनाव आयोग कहे कि साइबर क्राइम डिवीजन इसकी जाँच कर रहा है तो ऐसा मुद्दा टालने वाला रवैया नही चलेगा। जब चुनाव आयोग हर दूसरे मुद्दे पर अपनी वर्चस्वता और सक्रियता दिखाता है तो इस मुद्दे को भी जरूरी गंभीरता दिखाई जाए और तुरंत जाँच की जाए।'
मद्रास हाई कोर्ट में दायर एक याचिका में कहा गया है कि बीजेपी ने गलत तरीके से आधार से लिंक किए गए मोबाइल नंबर निकाले हैं और वोटरों को वॉट्सऐप ग्रुप के लिंक और मैसेज भेजे हैं।
एबीपी- सी वोटर चुनाव सर्वे के अनुसार, 30 सीटों वाली विधानसभा में एनडीए को 19 से 23 सीटें मिल सकती हैं। लेकिन कांग्रेस और डीएमके के गठबंधन को सात से 11 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है।
एबीपी- सी वोटर सर्वे पर यकीन किया जाए तो एनडीए को 47.2 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। दूसरी ओर डीएमके अगुआई वाले यूपीए के खाते में 39.5 प्रतिशत वोट जाते दिख रहे हैं। दूसरे तमाम दलों की हिस्सेदारी 13.3 प्रतिशत होने के आसार हैं।
अपनी राय बतायें