आज के दौर में,जब शोहरत की चाहत में पागल तमाम लोग सोशल मीडिया पर नाचने गाने के वीडियो की बौछार किये रहते हैं और सेलेब्रिटी होने के गुमान में रहते हैं, यह यकीन करना मुश्किल है कि केके जैसा एक गायक भी था जो लाखों चाहने वालों की बेपनाह मोहब्बत हासिल कर लेने के बाद और बुलंदियों को छू लेने के बाद भी बेहद ज़मीनी इंसान था - पब्लिसिटी से दूर, अपने काम से खुश, कामसे प्यार करने वाला, काम में खोया रहने वाला। पॉप सिंगर वाले लटकों-झटकों और बड़बोलेपन से दूर बेहद विनम्र, सहज इंसान।
उनके अचानक चले जाने पर उनका ही गाया बहुत लोकप्रिय गाना याद आ रहा है- हम रहें या ना रहें कल...याद आयेंगे ये पल...फिल्मी-ग़ैर फिल्मी गानों, स्टेज शो और पॉप संगीत की ग़ैर शास्त्रीय गायकी की दुनिया में के के एक बेहद लोकप्रिय और विलक्षण गायक थे। उन्होंने कम गाने गाये हैं लेकिन जितना गाया है, वह उनकी नैसर्गिक प्रतिभा का अविस्मरणीय दस्तावेज है।
सहज विश्वास करने वाली बात नहीं है कि उन्होंने संगीत की कोई विधिवत शिक्षा नहीं ली थी। उनकी शीशे जैसी साफ आवाज़ में एक अलग सी कशिश थी धीमी लय के गानों में रूह को छू जाती हुई, मन के निहायत अंदरुनी कोनों को हौले-हौले सहलाती हुई मख़मली सी आवाज़ और उसी गले से जब ऊँचे सुर लगाते थे तो लोग लाइव कंसर्ट में दीवाने होकर झूमने लगते थे।
ऊँची पिच पर सुर साधे रखने में और बिना किसी बनावटी हरकत या कारीगरी के आवाज़ की बुनियादी गुणवत्ता और मिठास बनाये रखने में तो उन्हें कमाल की पकड़ हासिल थी। इसी ख़ूबी की वजह से वह फिल्मी और ग़ैर फिल्मी संगीत में अपनी एक अलग जगह बनाने में कामयाब हुए थे। जब केके को फिल्मों में गाने का मौका मिला तो उदित नारायण, सोनू निगम और कुमार शानू पार्श्वगायकी के मैदान में डटे हुए थे। शान भी दस्तक दे चुके थे।
इनके बीच किसी चमत्कार की तरह उभरे थे के के। फिल्म थी हम दिल दे चुके सनम और गाना था- तड़प-तड़प के इस दिल से आह निकलती रही। परदे पर सलमान खान और ऐश्वर्या राय की जुदाई के दर्द को अपनी आवाज़ से बयान करते केके रातोंरात स्टार गायकों की क़तार में जा खड़े हुए थे। ऊंची पिच पर गाये केके के गानों को उनके समकालीन किसी भी गायक के गले में फ़िट करने की कोशिश करके देख लीजिए, मज़ा किरकिरा हो जाएगा। यह कहते हुए किसी की भी प्रतिभा को कम आँकने का इरादा नहीं है।
सोनू निगम की गायकी में शास्त्रीय संगीत और पॉप म्यूज़िक का बेहतरीन संगम दिखता है और ऊँची पिच पर वह भी बहुत कामयाब गायक हैं लेकिन तमाम कारीगरी के बावजूद उनकी आवाज़ में थरथराहट महसूस की जा सकती है। उदित नारायण बहुत शानदार आवाज़ के मालिक हैं और किसी लटके-झटके के बिना वह दिल में उतर जाते हैं लेकिन उदित नारायण के पास पॉप म्यूज़िक और स्टेज शो वाली ऊर्जा और युवाओं के दिलों को झनझना देने वाला करिश्मा नहीं है।
कुमार शानू रोमांटिक फिल्मी गानों के महारथी हैं लेकिन उनसे खुदा जाने और तू ही मेरी शब है जैसे गाने गवाकर देख लीजिए। गाने का असर ही बदल जाएगा। शान की आवाज़ अच्छी,साफ और नरम है और ऊँचे सुर उनकी ख़ासियत नहीं हैं। केके इन सबसे अलग क़ाबिलियत रखते थे।
मूलरूप से केरल के मलयाली माता-पिता की संतान केके का पूरा नाम था कृष्ण कुमार कुन्नत। दिल्ली में पले-बढ़े। किरोड़ीमल कॉलेज से पढाई की।गाने का शौक़ बचपन से ही था। बचपन की दोस्त से ही प्रेम किया और शादी की। किशोर कुमार और संगीतकार आरडी बर्मन से बहुत प्रभावित थे। फिल्मी गानों से पहले तीन हज़ार से ज्यादा जिंगल गा चुके थे। विशाल भारद्वाज ने माचिस में- छोड़ आए हम वो गलियाँ में उनकी आवाज़ का इस्तेमाल किया। फिर इस्माइल दरबार ने हम दिल दे चुके सनम में उन्हें सलमान खान के लिए गाने का मौका दिया और केके ने सनसनी मचा दी। दरअसल, केके की आवाज क़ुदरती तौर पर बहुत मंजी हुई थी।
यही वजह थी कि उन्होंने शाहरुख़ खान के लिएओम शांति ओम में - आंखो में तेरी अजब सी अजब सी अदाएँ हैं जिस इत्मिनान से गाया, उसी पकड़ के साथ रणबीर कपूर के लिए बचना ऐ हसीनों में ऊँचे सुर लगाकर गाया - खुदाजाने। केके की आवाज़ में सलमान खान की फिल्म बजरंगी भाईजान का गाना तू जो मिला सुपर हिट साबित हुआ।और छेड़छाड़ वाला रोमांटिक गीत याद करिये - दस बहाने करके ले गई दिल।
कॉलेज जाने वाली पीढ़ी की महफिलों के तो सबसे पसंदीदा गानों में होता था के के का गाना - यारों दोस्ती बड़ी ही हसीन है। केके की आवाज़ नौजवान पीढ़ी के लिए तो जैसे जिंदगी के तमाम फ़लसफ़े बयान करने वाले किसी दोस्त की, किसी गाइड की आवाज़ बन गईथी। 'जिस्म' के एक गाने में युवामन की बेचैनी और भटकन को उन्होंने बहुत अच्छी तरह से अभिव्यक्त किया था-
आवारापन बंजारापन एक खला है सीने मेंहर दम हर पल बेचैनी है कौन बला है सीने में। युवाओं की ही भाषा में कहें तो केके के तमाम गानों को जैसे एंथम का दर्जा हासिल था। केके के न रहने से उनके लाखों युवा प्रशंसकों की तो टीनएज का एक हिस्सा चला गया।
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