आज के दौर में,जब शोहरत की चाहत में पागल तमाम लोग सोशल मीडिया पर नाचने गाने के वीडियो की बौछार किये रहते हैं और सेलेब्रिटी होने के गुमान में रहते हैं, यह यकीन करना मुश्किल है कि केके जैसा एक गायक भी था जो लाखों चाहने वालों की बेपनाह मोहब्बत हासिल कर लेने के बाद और बुलंदियों को छू लेने के बाद भी बेहद ज़मीनी इंसान था - पब्लिसिटी से दूर, अपने काम से खुश, कामसे प्यार करने वाला, काम में खोया रहने वाला। पॉप सिंगर वाले लटकों-झटकों और बड़बोलेपन से दूर बेहद विनम्र, सहज इंसान।

केके के रूप में भारत ने सिर्फ एक गायक ही नहीं खोया है, बल्कि स्टारडम से दूर एक जमीनी और विनम्र कलाकार भी खोया है।