सीबीआई ने मंगलवार रात को कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के करीबी सहयोगी एस. भास्कर रमन को गिरफ्तार कर लिया है।
सीबीआई ने मंगलवार को कार्ति चिदंबरम के चेन्नई, मुंबई, ओडिशा और दिल्ली स्थित घर और दफ्तरों पर छापेमारी की थी। इस दौरान कार्ति चिदंबरम के सहयोगियों के ठिकानों को भी खंगाला गया था।
इस मामले में सीबीआई ने एस. भास्कर रमन के अलावा इस पावर प्रोजेक्ट से जुड़े मानसा और विकास को भी आरोपी बनाया है।
क्या है मामला?
सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम के खिलाफ कथित तौर पर अवैध रिश्वत लेने के लिए एक नया मुकदमा दर्ज किया है। खबरों के मुताबिक, कांग्रेस सांसद ने 2010 से 2014 के बीच कथित रूप से 50 लाख रुपये की रिश्वत ली थी। आरोप है कि यह रिश्वत उन्होंने पंजाब के तलवंडी साबो में चल रहे एक पावर प्रोजेक्ट में 250 से ज़्यादा चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने के एवज में ली थी।
यह पावर प्रोजेक्ट अपने पूरा होने के तय कार्यक्रम से काफी पीछे चल रहा था इसलिए किसी तरह के जुर्माने और पावर प्रोजेक्ट के काम में देरी से बचने के लिए तलवंडी साबो पावर लिमिटेड को कुछ और चीनी कर्मचारियों की जरूरत थी। लेकिन गृह मंत्रालय के नियम चीनी कर्मचारियों को वीजा दिलाने में आड़े आ रहे थे।
इसलिए कंपनी ने कार्ति चिदंबरम से संपर्क किया और वीजा नियमों को किनारे करते हुए 250 से ज्यादा चीनी कर्मचारियों को वीजा मिल गया। जिस महीने वीजा के लिए आवेदन किया गया, उसी महीने में गृह मंत्रालय ने इन कर्मचारियों के वीजा को स्वीकृति दे दी।
आरोप है कि कंपनी की ओर से फर्जी बिलों के जरिये कार्ति चिदंबरम को मोटी रिश्वत दी गई।
सीबीआई की छापेमारी के बाद कार्ति चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा था कि उन्हें याद तक नहीं है कि कितनी बार इस तरह की छापेमारी हो चुकी है।
इस मामले में पी. चिदंबरम ने कहा था कि सीबीआई ने उनके चेन्नई और दिल्ली स्थित घर पर छापेमारी की है। चिदंबरम ने कहा कि सीबीआई की टीम ने उन्हें एक एफआईआर दिखाई जिसमें उनका नाम अभियुक्त के तौर पर नहीं है। उन्होंने बताया कि सीबीआई की टीम को कुछ नहीं मिला।
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