कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच जारी सीमा विवाद पर कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगा। सीमा विवाद सुलझाने के लिए अब केंद्रीय गृह मंत्री अगले हफ्ते दोनों राज्यों के सीएम की बैठक बुला सकते हैं। महाराष्ट्र के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात की तो कर्नाटक में हलचल मच गई। इसके बाद कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने भी अमित शाह से फोन पर बात की।
मुख्यंत्री ने आज 10 दिसंबर को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री दोनों राज्यों का इस पर रुख और तथ्य जानना चाहते हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए जल्द ही एक सर्वदलीय बैठक बुला सकती है।
सीएम बोम्मई ने कहा कि मैंने बीजेपी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल को सोमवार 12 दिसंबर को अमित शाह से मिलने के लिए कहा है। मैंने शाह से भी बात की है। उन्होंने कहा कि वह सूचना भेजेंगे और दो से तीन दिनों में वह मुझे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को फोन करेंगे। शायद यह बैठक 14 या 15 दिसंबर को होगी। मुख्यमंत्री ने कहा-
हालांकि बोम्मई ने शुक्रवार रात को कहा था कि दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद पर उनकी सरकार कोई समझौता नहीं करेगी। बोम्मई ने कहा-
कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया की सरकार से सीमा विवाद पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में बोम्मई ने शनिवार को कहा कि वह सिद्धारमैया और जद (एस) नेता एच डी कुमारस्वामी दोनों से बात करेंगे। उन्होंने कहा, मैंने कल सिद्धारमैया से बात की और उनसे कहा कि मैं उन्हें आगे के घटनाक्रम के बारे में सूचित करूंगा। बोम्मई ने दोहराया, मैं सिद्धारमैया और कुमारस्वामी दोनों से बात करूंगा।
दोनों राज्यों में इस सप्ताह की शुरुआत में सीमा विवाद तेज हो गया था, दोनों राज्यों के वाहनों को निशाना बनाया गया था। कन्नड़ और मराठी कार्यकर्ताओं को सीमावर्ती जिले बेलगावी में तनावपूर्ण माहौल के बीच पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया था।
इसके बाद कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों ने फोन पर एक-दूसरे से बात की और इस बात पर सहमति जताई कि दोनों पक्षों में शांति और कानून-व्यवस्था बनी रहनी चाहिए।
कर्नाटक राज्य पुनर्गठन अधिनियम और 1967 महाजन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार भाषाई आधार पर किए गए सीमांकन को अंतिम मानता है। और एक दावे के रूप में कि बेलागवी राज्य का एक अभिन्न अंग है, कर्नाटक ने वहां विधानसभा एनेक्सी का निर्माण कराया है। वहां एक विधायिका सत्र हर साल आयोजित किया जाता है।
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