कन्हैया कुमार फ़रवरी 2016 के पहले एक मेधावी छात्र था। जेएनयू में पढ़ता था। छात्र संघ का अध्यक्ष बन गया। पर फ़रवरी 2016 के बाद वह देशद्रोही बन गया। एक ऐसा छात्र जो हिंदुस्तान के टुकड़े करना चाहता है। टीवी चैनल जिसे टुकड़े-टुकड़े गैंग का सदस्य कहते हैं। देश की पुलिस उसे खोजती है और उसे जेल में बंद कर दिया जाता है। वह अपराधी की श्रेणी में डाल दिया जाता है। कुछ लोग उसकी जान के दुश्मन बन जाते हैं। किसी ने कहा, उसकी जीभ काट कर लाओ तो 5 लाख रुपये देंगे। कोई 11 लाख की बोली लगाता है। मानो वह इनामी डकैत हो।