loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय

जीत

बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार

जीत

प्रतीकात्मक तस्वीर।

चीन की रहस्यमयी बीमारी के बाद भारत में राज्य अलर्ट पर

चीन में बच्चों में सांस की बीमारियाँ तेज़ी से बढ़ने के बीच अब भारत में भी कई राज्य अलर्ट पर हैं। तैयारियों की समीक्षा करने के केंद्र के निर्देश के बाद कम से कम छह राज्यों ने अपने स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचे को अलर्ट मोड पर रखा है। अलर्ट का मतलब है कि साँस से जुड़ी किसी भी शिकायत पर रोगियों से निपटने के लिए मुस्तैदी रहे और ऐसे मामलों का पूरा रिकॉर्ड रखा जाए। अस्पतालों को पूरी तरह से तैयार रहने के लिए कहा गया है।

ऐसे छह राज्यों में राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, उत्तराखंड, हरियाणा और तमिलनाडु हैं। राज्य सरकारों ने अस्पतालों और स्वास्थ्य कर्मचारियों से सांस से जुड़ी समस्याओं वाले मरीज़ों के लिए पूरी तैयारी सुनिश्चित करने को कहा है।

ताज़ा ख़बरें

एक रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने मौसमी फ्लू के लक्षणों और जोखिम को बताते हुए क्या करें और क्या न करें की सलाह जारी की है। इसने कहा है कि सलाहों में खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढंकना, बार-बार हाथ धोना, चेहरे को छूने से बचना और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का इस्तेमाल करना शामिल है।

दूसरी राज्य सरकारों ने भी ऐसी सलाह जारी की है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सलाह में कहा गया है कि स्थिति फिलहाल चिंताजनक नहीं है लेकिन चिकित्सा कर्मचारियों को निगरानी रखनी चाहिए और संक्रामक रोगों को फैलने से रोकना चाहिए। इसमें कहा गया है कि बाल चिकित्सा यूनिटों और चिकित्सा विभागों में पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए।

गुजरात में कोविड महामारी के दौरान बनाए गए स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। उत्तराखंड सरकार ने स्वास्थ्य अधिकारियों को श्वसन संबंधी बीमारियों के मामलों की निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया। उत्तराखंड के तीन जिले-चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़- चीन की सीमा से लगते हैं। हरियाणा और तमिलनाडु में भी ऐसी ही तैयारियाँ की गई हैं। 
इसी हफ्ते केंद्र ने राज्यों से अस्पतालों को चुस्त-दुरुस्त रखने को कहा है। इसने कहा है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य, अस्पताल की तैयारियों के उपायों की तुरंत समीक्षा की जाए। केंद्र का यह निर्देश तब आया है जब चीन में रहस्यमयी निमोनिया फैल रहा है। वहाँ के अस्पताल निमोनिया से पीड़ित हजारों बच्चों से भर गए हैं।

इसके साथ ही केंद्र ने यह भी कहा है कि वह पड़ोसी देश में स्थिति पर नज़र रख रहा है और इस बात पर जोर दिया कि फ़िलहाल किसी भी तरह की चिंता की कोई बात नहीं है। इसके बावजूद केंद्र ने राज्यों को चिट्ठी लिखकर स्वास्थ्य सुविधाओं को तैयार रखने को कहा गया है।

स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियाँ और केंद्र की यह चिट्ठी कितनी अहम है, इसका अंदाजा चीन में हालात को देखकर ही लगाया जा सकता है। रहस्यमय निमोनिया की चपेट में बीजिंग और लियाओनिंग प्रांत के स्कूल ज़्यादा हैं। इन दोनों शहरों में अस्पताल भारी तादाद में बीमार बच्चों से भरे हुए हैं। स्थिति की गंभीरता के कारण कुछ स्कूल बंद कर दिए गए हैं, क्योंकि छात्र और टीचर दोनों बीमार पड़ गए हैं। 

देश से और ख़बरें

प्रभावित बच्चों में दिखाई देने वाले लक्षणों में तेज बुखार और फेफड़ों में सूजन है। यह उसी तरह है जब कोई व्यक्ति फ्लू से पीड़ित होता है और सांस लेने में तकलीफ होती है। हालाँकि, ऐसे मरीजों में खाँसी की शिकायतें नहीं हैं। इस बीमारी की शुरुआत स्पष्ट नहीं है। अभी इसकी चपेट में वयस्क नहीं आए हैं, लेकिन बच्चों के बीच तेजी से फैलने की वजह से इसके बढ़ने की आशंका ज्यादा लग रही है।

मेडिकल प्रोफेशनल्स के बीच अटकलें हैं कि यह माइकोप्लाज्मा निमोनिया (एक सामान्य बैक्टीरिया इन्फेक्शन जो आम तौर पर छोटे बच्चों को प्रभावित करता है) हो सकता है। यह आम तौर पर हल्के इन्फेक्शन की वजह बनता है लेकिन बाद में अधिक गंभीर स्थिति पैदा कर देता है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें