loader

भारत पर ट्रंप टैरिफ लागू होने में 2 दिन बाकी, राहत की उम्मीद नहीं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ (Reciprocal Tariff) 2 अप्रैल से लागू होने वाला है। लेकिन भारत के लिए अभी तक कोई राहत नजर नहीं आ रही है। भारत और अमेरिका के बीच चार दिनों तक चली व्यापार वार्ता शनिवार को खत्म हो गई। हालांकि बातचीत बुधवार से शुरू हुई थी और बाद में एक दिन अतिरिक्त बढ़ाई गई थी। इस बातचीत में दोनों पक्ष एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) के लिए व्यापक रूपरेखा पर सहमत हुए हैं। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि क्या यह समझौता भारत को ट्रंप के प्रस्तावित टैरिफ से बचाने में सक्षम होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन ने भारत को एक उच्च टैरिफ वाला देश करार दिया है और उनकी नीति के तहत, अमेरिकी सामानों पर लगने वाले टैरिफ के जवाब में भारत से आयातित वस्तुओं पर भी समान टैरिफ लगाया जाएगा। यह कदम ग्लोबल बाजारों में अनिश्चितता पैदा कर रहा है। भारत ने इस स्थिति से निपटने के लिए अमेरिका के साथ बेहतर बाजार पहुंच, व्यापार बाधाओं को कम करने और सप्लाई चेन को मजबूत करने पर चर्चा की है, ताकि एक स्थिर और विकासोन्मुख व्यापारिक माहौल बनाया जा सके।

ताजा ख़बरें

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि समय की कमी के कारण भारत को तत्काल राहत मिलना मुश्किल है। वार्ता के दौरान भारत ने अपनी निर्यात क्षमता को बढ़ाने और आपसी समृद्धि को प्रोत्साहित करने की उम्मीद जताई थी, लेकिन ट्रंप के 2 अप्रैल के टैरिफ लागू होने की समयसीमा नजदीक आने के साथ ही चिंताएं बढ़ रही हैं। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि यह व्यापार समझौता जल्द अंतिम रूप ले लेता है, तो भारत को कुछ हद तक टैरिफ के प्रभाव से बचाया जा सकता है।

फिलहाल, भारत सरकार और व्यापारिक समुदाय इस बात पर नजर बनाए हुए हैं कि अगले दो दिनों में स्थिति कैसे बदलती है। ट्रंप के इस कदम से भारतीय निर्यातकों, खासकर ऑटोमोबाइल और अन्य प्रमुख क्षेत्रों पर असर पड़ने की आशंका है। आने वाले दिनों में इस मामले पर और स्पष्टता की उम्मीद की जा रही है।
पिछले दो महीनों में भारत ने हाई-एंड मोटरसाइकिल और बॉर्बन व्हिस्की सहित कुछ उत्पादों पर टैरिफ में कटौती करके वाशिंगटन के साथ व्यापार तनाव को कम करने की कोशिश की है। इस सप्ताह के व्यापार मिशन से पहले, भारतीय मीडिया रिपोर्टों ने सुझाव दिया था कि सरकार विज्ञापन जैसी ऑनलाइन सेवाओं पर शुल्क हटाने की पेशकश कर सकती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि नई दिल्ली कारों, इलेक्ट्रॉनिक्स और चिकित्सा सेवाओं पर टैरिफ में कटौती करने को तैयार है।

हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने शुक्रवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा था कि वे अच्छे मित्र हैं और उन्हें उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच टैरिफ पर बातचीत सफल होगी।

ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री मोदी हाल ही में यहां आए थे और हम हमेशा से बहुत अच्छे दोस्त रहे हैं। भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा टैरिफ़ लगाने वाले देशों में से एक है... वे बहुत होशियार हैं।"

देश से और खबरें

इस हफ़्ते की शुरुआत में जब प्रधानमंत्री मोदी से राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उनके रिश्ते के बारे में पूछा गया तो उन्होंने ट्रंप के पहले कार्यकाल में ‘हाउडी मोदी’ रैली के दौरान हुई एक यादगार घटना का ज़िक्र किया। ट्रंप ने सुरक्षा प्रोटोकॉल को नज़रअंदाज़ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के साथ स्टेडियम का चक्कर लगाया था।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें