भारत ने आज पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमले और आपत्तिजनक बयान की आलोचना की। इसने बिलावल के बयान को 'पाकिस्तान के लिए भी एक नया निचला स्तर' बताया। बिलावल भुट्टो ने ओसामा बिन लादेन का ज़िक्र करते हुए गुजरात दंगों से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ निजी टिप्पणी की थी।
बिलावल की यह टिप्पणी तब आई जब भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में आतंकवाद को समर्थन देने को लेकर पाकिस्तान पर तीखा हमला किया था। उन्होंने कहा कि ‘आतंकवाद का सामयिक केंद्र’ अब भी बेहद सक्रिय है। हालाँकि जयशंकर ने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा स्पष्ट तौर पर पाकिस्तान की ओर था।
बाद में उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि दुनिया पाकिस्तान को आतंकवाद के ‘केन्द्र’ के रूप में देखती है। इसके बाद ही बिलावल भुट्टो ने प्रधानमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ निजी टिप्पणी की। बिलावल भुट्टो की इस टिप्पणी का भारत में काफी विरोध हो रहा है। बीजेपी ने इसके ख़िलाफ़ पाकिस्तानी दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया।
संयुक्त राष्ट्र में बिलावल भुट्टो की टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान के पास भारत पर आरोप लगाने के लिए साख नहीं है और 'मेक इन पाकिस्तान आतंकवाद' को रोकना होगा।
Our response to media queries regarding Pakistan Foreign Minister’s uncivilised remarks:https://t.co/0MAAaURtr6 pic.twitter.com/Z0nldJxNJ5
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) December 16, 2022
बयान में यह भी कहा गया है कि आतंकवाद को वित्तीय सहायता देने, पनाह देने और उसे स्पांसर करने में पाकिस्तान की निर्विवादित भूमिका हमेशा चर्चा में रही है।
बयान में आगे कहा गया, 'न्यूयॉर्क, मुंबई, पुलवामा, पठानकोट और लंदन जैसे शहर उन कई शहरों में से हैं, जिन पर पाकिस्तान प्रायोजित, समर्थित और उकसावे वाले आतंकवाद के निशान हैं। मेक इन पाकिस्तान का आतंकवाद बंद होना चाहिए।'
भारत ने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो ओसामा बिन लादेन को शहीद के रूप में महिमामंडित करता है और लखवी, हाफिज सईद, मसूद अजहर, साजिद मीर और दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकवादियों को शरण देता है।
केंद्रीय मंत्रियों ने भी बिलावल भुट्टो के बयान की निंदा की है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "ये आज के दिन भारत से पाकिस्तान को बांग्लादेश में मिली हार का दर्द भी हो सकता है। बांग्लादेश में 16 दिसंबर 1971 को मिली हार के बाद उनकी दादी खूब रोई थीं। इसके बावजूद पाकिस्तान आतंकवादियों की हिफ़ाज़त करने की कोशिश करता है। जम्मू-कश्मीर या देश के अन्य हिस्सों में यह बात किसी से छिपी नहीं है।'
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'पाकिस्तान के विदेश मंत्री द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा से पता चलता है कि वह न केवल एक दिवालिया देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, बल्कि वह मानसिक रूप से भी दिवालिया है।'
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