क्या लंबे अरसे बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में बर्फ पिघल रही है? क्या दोनों देशों के बीच फिर से बातचीत का माहौल बन रहा है? इस्लामाबाद में जिस तरह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से हाथ मिलाने के लिए गर्मजोशी से हाथ बढ़ाया और जयशंकर ने मुस्कराकर हाथ मिलाया, उससे क्या दोनों देशों के बीच रिश्तों में एक बदलाव की उम्मीद नहीं दिखती है?
ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि 2015 के बाद से भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच पहली सीधी बातचीत में विदेश मंत्री एस जयशंकर और उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार ने 24 घंटे से भी कम समय में दो बार बात की है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि इन वार्ताओं में दोनों देशों के बीच किसी तरह के क्रिकेट संबंधों को फिर से शुरू करने पर विचार किया जा रहा है।
माना जा रहा है कि अब आम लोगों में भी दोनों देशों के बीच संबंधों को लेकर काफी बदलाव आए हैं। लगातार सवाल उठते रहे हैं कि आख़िर इन वर्षों के बीच तनाव से दोनों देशों और लोगों को क्या हासिल हुआ। लोगों के मन में रिश्ते सुधरने की जो मंशा है वह नेताओं के बयानों में भी झलक रहा है। अभी एससीओ बैठक शुरू होने से पहले पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक इंटरव्यू में कहा कि 'मैं हमेशा से भारत के साथ अच्छे संबंधों का समर्थक रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि हमारे रिश्ते को फिर से बेहतर बनाने का मौका मिलेगा।' उन्होंने बरखा दत्त को दिए इंटरव्यू में कहा, 'यह बहुत अच्छी बात होती अगर प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन में भी शामिल होते। मुझे उम्मीद है कि उन्हें और हमें निकट भविष्य में एक साथ बैठने का अवसर मिलेगा।'
कुछ ऐसी ही बात पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी कही। उन्होंने एससीओ समिट में हिस्सा लेने इस्लामाबाद पहुंचे भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का स्वागत किया। बिलावल ने भारत के साथ द्विपक्षीय बातचीत नहीं होने पर निराशा भी जताई। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान को बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर दोनों देश बात करें क्योंकि ये दोनों मुल्कों की साझा परेशानी है, अगर हम इन मुद्दों को नदरअंदाज करेंगे तो मामले हल नहीं होंगे।
“
अगर विश्वास की कमी है या सहयोग अपर्याप्त है, अगर दोस्ती में कमी आई है और अच्छे पड़ोसी की भावना कहीं गायब है, तो निश्चित रूप से आत्मनिरीक्षण करने और समाधान करने के कारण हैं।
एस जयशंकर, विदेश मंत्री (एससीओ बैठक में बयान)
जयशंकर ने कहा, 'अगर हम चार्टर (एससीओ चार्टर) की शुरुआत से लेकर आज की स्थिति तक तेजी से आगे बढ़ें, तो ये लक्ष्य और ये कार्य और भी अहम हो जाते हैं। इसलिए, यह ज़रूरी है कि हम ईमानदारी से बातचीत करें।
अब सूत्रों के हवाले से ख़बर आ रही है कि मंत्री स्तर की बातचीत हुई है। द इंडियन एक्सप्रेस ने ख़बर दी है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर और उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार ने 24 घंटे में दो बार बातचीत की है। हालाँकि शंघाई सहयोग संगठन की सरकार के प्रमुखों की परिषद की बैठक के दौरान हुई ये बातचीत बहुत प्रारंभिक है और दोनों पक्षों को इस पर विचार करने की आवश्यकता है क्योंकि दोनों देशों के बीच संबंध वर्षों से ठंडे पड़े हुए हैं।
जयशंकर की यात्रा पर क्या-क्या हुआ?
बातचीत से ही आगे के लिए रास्ता निकलता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि संभावित पहला कदम अगले फरवरी में पाकिस्तान द्वारा आयोजित चैंपियंस ट्रॉफी हो सकता है। इस बात पर पहले से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि क्या भारतीय टीम मैचों के लिए पाकिस्तान की यात्रा करेगी।
जयशंकर और डार की मुलाकात मंगलवार शाम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा एससीओ नेताओं के लिए उनके आवास पर आयोजित रात्रिभोज में हुई। अंग्रेजी अख़बार ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि दोनों मंत्रियों ने हाथ मिलाने के बाद एक-दूसरे का अभिवादन किया और कुछ शब्द कहे। इसके बाद दोनों मंत्रियों ने रात्रिभोज के दौरान बातचीत की। सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों ने एससीओ पूर्ण सत्र की समाप्ति के बाद बुधवार को दोपहर के भोजन पर बातचीत को आगे बढ़ाने का फैसला किया।
नेताओं के लिए आयोजित लंच में उन्हें एक साथ नहीं बैठना था, लेकिन पाकिस्तान प्रोटोकॉल के तहत यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए कि जयशंकर और डार एक-दूसरे के बगल में बैठें।
सूत्रों ने बताया कि उनकी एक बातचीत क्रिकेट पर थी। यह एक ऐसा खेल है जिसे जयशंकर बहुत पसंद करते हैं। पाकिस्तान के गृह मंत्री सैयद मोहसिन रजा नकवी, जो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, को भी इस बातचीत में शामिल किया गया।
सूत्रों ने कहा कि इस विचार पर विचार किया जा रहा है कि किसी तरह के क्रिकेट संबंधों को फिर से शुरू किया जाए - और भारतीय क्रिकेट टीम के पाकिस्तान जाने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि एक संभावित अवसर चैंपियंस ट्रॉफी है। इसकी मेजबानी पाकिस्तान 19 फरवरी से 9 मार्च, 2025 तक करेगा।
रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने आगाह किया कि ये बहुत प्रारंभिक बातचीत है और दोनों पक्ष इस पर विचार करेंगे। इस बार कहा गया कि 'माहौल अच्छा था' और मई 2023 में गोवा में एससीओ बैठक के विपरीत, इस बार कोई तीखी बयानबाजी नहीं हुई। गोवा में जयशंकर ने तत्कालीन पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी पर निशाना साधते हुए उन्हें आतंकवाद उद्योग का प्रवक्ता कहा था। भुट्टो जरदारी ने जम्मू-कश्मीर और अनुच्छेद 370 का मुद्दा उठाया था, जिससे भारतीय पक्ष नाराज हो गया था। इस बार, पाकिस्तानी पक्ष की ओर से कोई भड़काऊ बयान नहीं दिया गया। मंत्री बातचीत के मुद्दों पर अड़े रहे।
अपनी राय बतायें