जिस देश में अनंत अंबानी के वनतारा को वन्य जीवों को बचाने का दुनिया का सबसे बड़ा केंद्र बताया जा रहा है, उसी देश में बाघों की संख्या ख़तरनाक़ स्तर तक कम होती जा रही है। इसके लिए सिर्फ़ प्राकृतिक वजहें ही ज़िम्मेदार नहीं हैं, बल्कि एक संगठित तस्करी नेटवर्क की साज़िश बड़ी वजह है। द इंडियन एक्सप्रेस की एक विशेष जांच में खुलासा हुआ है कि इस नेटवर्क ने 2022 से अब तक '100 से लेकर अनगिनत' बाघों को मार दिया है। इस नेटवर्क ने डिजिटल भुगतान, हवाला फंड्स और नेपाल-म्यांमार की अलग-अलग सप्लाई लाइनों का इस्तेमाल कर पूरे देश में अपना जाल फैलाया है। रिपोर्ट के अनुसार पांच राज्यों के जांचकर्ताओं, चार केंद्रीय एजेंसियों और इंटरपोल की संयुक्त कार्रवाई में इस साल अब तक दर्जनों गिरफ्तारियां हुई हैं।
जिस देश में दुनिया का वन्यजीव संरक्षण केंद्र वहाँ 100 टाइगर लापता कैसे हुए?
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- सत्य ब्यूरो
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- 21 Mar, 2025
भारत के सबसे बड़े वन्यजीव संरक्षण केंद्र में 100 बाघों के लापता होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। वन्यजीव संरक्षण की स्थिति पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जांच और जवाबदेही की मांग तेज।

पुराने तौर तरीकों वाले शिकारियों की छवि अब पुरानी हो चुकी है। पहले जहाँ गरीब शिकारी, बस्तियों में सौदे तय करने वाले दलाल और छोटे शहरों के तस्करी से जुड़े लोग पॉलीथिन की थैलियों में बाघों की खाल और हड्डियाँ ट्रेन-बसों से ले जाते थे, वहीं अब यह नेटवर्क तेज, चुस्त और तकनीक-संपन्न हो गया है। द इंडियन एक्सप्रेस ने गिरफ्तारी रिकॉर्ड, कोर्ट दस्तावेज और वन अधिकारियों, जांचकर्ताओं व पूर्व शिकारियों से बातचीत के आधार पर पाया कि इस नेटवर्क में मध्यस्थों की संख्या कम कर दी गई है। पहले शिकारी रह चुके कई लोग अब मुखबिर बन गए हैं। इसके बजाय किराए के ट्रांसपोर्टरों का सहारा लिया जा रहा है, जिसमें जोखिम कम हैं और माल को तेजी से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जाता है। नशीले पदार्थों और हथियारों के सिंडिकेट्स के साथ गठजोड़ ने इसे और ख़तरनाक बना दिया है।