भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी पूजा सिंघल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी से पहले उनसे कई घंटे तक पूछताछ की गई थी।
यह मामला झारखंड में मनरेगा के करोड़ों रुपये के कथित गबन से जुड़ा है। पूजा सिंघल झारखंड में खनन सचिव हैं।
मामला क्या है?
पूजा सिंघल और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की जांच एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले से संबंधित है जिसमें झारखंड सरकार में पूर्व कनिष्ठ अभियंता राम बिनोद प्रसाद सिन्हा को एजेंसी द्वारा 17 जून, 2020 को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया था। उन पर 2012 में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत केस दर्ज किया गया था।
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राम बिनोद प्रसाद सिन्हा पर 1 अप्रैल, 2008 से 21 मार्च, 2011 के बीच जनता के पैसे को ठगने और अपने नाम के साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर निवेश करने का आरोप लगाया गया था।
एजेंसी ने पहले कहा था कि उक्त धन को खूंटी जिले में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत सरकारी परियोजनाओं के लिए रखा गया था।
आरोपी ने ईडी को बताया कि उसने जिला प्रशासन को पांच प्रतिशत कमीशन (धोखाधड़ी में से) का भुगतान किया था।
इस अवधि के दौरान, ईडी ने पूजा सिंघल को इन "अनियमितताओं" के आरोप में लिप्त पाया था, जबकि उन्होंने 2007 और 2013 के बीच चतरा, खूंटी और पलामू के उपायुक्त / जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य किया था।ईडी के छापे में पूजा सिंघल और उनके सीए सुमन कुमार के घर से करोड़ों का कैश बरामद हुआ था। पैसे गिनने के लिए कई मशीनों को लाया गया।
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