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67 सालों में बीजेपी अध्यक्षों में केवल 1 दलित, 1 पिछड़ा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया है कि सीताराम केसरी को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया गया था। उनके मुताबिक़ सोनिया गाँधी को कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाने के लिए केसरी को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। मोदी अपने इस आरोप से कांग्रेस को दलित-विरोधी (वैसे सीताराम केसरी दलित नहीं, ओबीसी वर्ग के थे) साबित करना चाहते हैं। उनका आरोप सही भी प्रतीत होता है क्योंकि 1947 में आज़ादी मिलने के बाद से अब तक कांग्रेस के जितने भी अध्यक्ष हुए हैं, उनमें दलित वर्ग के केवल एक - पूर्व उप-प्रधानमंत्री जगजीवन राम और पिछड़े वर्ग से दो - एक केसरी जिसका ज़िक़्र मोदी ने किया और दूसरे के. कामराज जो तमिलनाडु के नाडर समुदाय से थे। यानी पूरे 70 सालों में कांग्रेस ने दलित और पिछड़ा वर्ग से केवल तीन नेताओं को नेतृत्व करने का मौक़ा दिया। नीचे देखें लिस्ट।
How many Dalit president appointed by BJP in last 67 years - Satya Hindi
कांग्रेस का हिसाब तो हमने ले लिया। लेकिन ख़ुद मोदी जो कांग्रेस पर आज आरोप लगा रहे हैं, उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी और उसके जन्मदाता भारतीय जनसंघ ने कितने दलितों और पिछड़ों को पार्टी का नेतृत्व सौंपा? जब हमने 1947 के बाद भारतीय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी का रेकॉर्ड खँगाला तो पता चला कि उसका हाल तो और भी बुरा है। पिछले 70 सालों में बीजेपी ने सिर्फ़ एक दलित - बंगारू लक्ष्मण - को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया। उनके अलावा जितने अध्यक्ष हुए, वे सब-के-सब ब्राह्मण या वैश्य समुदाय के रहे। आज भी पार्टी का नेतृत्व एक वैश्य के पास है। पार्टी के दो अध्यक्ष अवसरला राम राव और रघुवीर की जाति के बारे में हम पुष्टि नहीं कर सके हालाँकि उपलब्ध स्रोतों में उन्हें सवर्ण समुदाय का ही बताया गया है। यदि हम ग़लत हों तो कृपया हमें सुधारें ताकि यह टेबल और रिपोर्ट सही की जा सके।
How many Dalit president appointed by BJP in last 67 years - Satya Hindi
बीजेपी के अध्यक्षों की सूची में कुछ के नाम के आगे प्रश्न चिन्ह लगा है। अगर पाठकों को इस बारे में जानकारी है तो वे प्रमाण के साथ हमें बता सकते हैं।
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क़मर वहीद नक़वी
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