नागरिकता संशोधन विधेयक को बुधवार को राज्यसभा में पेश किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में इस विधेयक को पेश किया। शाह ने सदन में चर्चा के दौरान कहा कि अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर घोर अत्याचार हुए और इन देशों में अल्पसंख्यक आबादी घट गई। उन्होंने दुहराया कि इन देशों में धार्मिक रूप से प्रताड़ना सहने वाले लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। विधेयक के तहत अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, पारसी, सिख, जैन और ईसाई प्रवासियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस विधेयक की आलोचना की है और इसे संविधान की मूल भावना के ख़िलाफ़ बताया है।