स्वतंत्रता सेनानी और मैसूर के शासक रहे टीपू सुल्तान का इस्तेमाल एक दशक से अधिक समय से कर्नाटक में हिन्दू-मुस्लिम वोटों को बांटने के लिए किया जाता रहा है। इस बार भी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में इसका इस्तेमाल हुआ। लेकिन इस बार बीजेपी और आरएसएस बहुत संगठित तरीके से मतदाताओं को धर्म के आधार पर भड़काने और बांटने के लिए दो नए कैरेक्टर (पात्र) भी लेकर आई। ये थे - उड़ी गौड़ा और नन्जे गौड़ा। ये दोनों नाम इस बार दक्षिणपंथियों की बातचीत, रैली, किताब, नाटक आदि में वोक्कालिगा हीरो के रूप में स्थापित किए जाने लगे। दक्षिणपंथी विचारकों, रंगकर्मियों, नेताओं ने जल्द ही दावा कर दिया कि दरअसल इन्हीं दोनों वोक्कालिगा हीरो उड़ी गौड़ा और नन्जे गौड़ा ने टीपू सुल्तान की हत्या की थी। बहुत जल्द ये काल्पनिक कहानी मुसलमानों के खिलाफ वोक्कालिगा को खड़ा करने, भड़काने और राजनीतिक लाभ पाने में भाजपा की मदद करने लगी। लेकिन फौरन ही ये सवाल भी उठ खड़े हुए कि आखिर ये दो पात्र कौन हैं और क्या वाकई इनका अस्तित्व भी था।
कर्नाटक में टीपू सुल्तान के काल्पनिक हत्यारों का झूठ कैसे फैलाया गया, जानिए
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- 29 Mar, 2025

दक्षिणपंथी इतिहास को किस शातिर तरीके से बदलते हैं, कर्नाटक में टीपू सुल्तान की हत्या को लेकर फैलाए गए झूठ का पर्दाफाश होने से साफ हो गया है। कर्नाटक में रंगायन नामक संस्था के डायरेक्टर के इस्तीफे के बाद सारा सच सामने आ गया है। जिन्होंने स्वीकार किया है कि टीपू सुल्तान के दोनों हत्यारों की कहानी काल्पनिक है।