कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आन्दोलन कर रहे किसानों को रोकने और उन्हें परेशान के लिए बीजेपी शासित केंद्र और राज्य सरकारें किस हद तक जा सकती हैं, इसका एक और उदाहरण सामने आया है।