वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने पहली बार अगस्त एक बैठक में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ इस तरह की "चिंता" को उठाया। सुलिवन और डोभाल दोनों ने 6 अगस्त को जेद्दा में यूक्रेन युद्ध का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए एक सम्मेलन में हिस्सा लिया था। इस बैठक में सुलिवन ने तमाम तथ्यों की तरफ इशारा किया था।
डोभाल और सूलिवन की मुलाकात के बाद वाशिंगटन पोस्ट ने यह भी बताया कि एक हफ्ते बाद, सीआईए प्रमुख विलियम बर्न्स ने भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के प्रमुख रवि सिन्हा से बात करने के लिए नई दिल्ली की यात्रा की। यहां बताना जरूरी है कि रॉ विदेशों में भारत के लिए जासूसी का काम करती है। हालांकि यह अधिकृत सूचना नहीं है। लेकिन समय-समय पर ऐसी जानकारी सामने आती रहती है।