किसानों को मनाने की सारी कोशिशें कर थक-हार चुकी मरकज़ी सरकार ने एक बार फिर हिम्मत बांधी है और किसानों को बातचीत के लिए बुलाया है। मोदी सरकार की ओर से गुरूवार को किसान संगठनों को पत्र भेजा गया है। पत्र में कहा गया है कि वे कृषि क़ानूनों को लेकर अगले दौर की बातचीत के लिए तारीख़ और वक़्त तय करें। इससे पहले कई दौर की बातचीत बेनतीजा हो चुकी है।
राहुल बोले- वापस हों क़ानून
कृषि क़ानूनों के मसले पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरूवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाक़ात की है। राहुल ने कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ 2 करोड़ हस्ताक्षरों के अवाला एक ज्ञापन भी राष्ट्रपति को सौंपा। ज्ञापन में इन तीनों कृषि क़ानूनों को तुरंत निरस्त करने की मांग की गई है और इन्हें किसान, कृषि और ग़रीब विरोधी बताया गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि सरकार कुछ पूंजीपतियों के हित में काम कर रही है। मुलाक़ात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि इन क़ानूनों को वापस लिया जाना बेहद ज़रूरी है।