पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को शंभू बॉर्डर पर सैकड़ों ट्रैक्टरों के साथ डेरा डाले प्रदर्शनकारी किसानों को फटकार लगाई और कहा कि ट्रैक्टर ट्रॉलियों का इस्तेमाल राजमार्गों पर नहीं किया जा सकता है। कार्यवाहक चीफ जस्टिस जी.एस. संधावालिया और जस्टिस लपीता बनर्जी की पीठ ने इतनी बड़ी संख्या में किसानों को एकत्र होने की अनुमति देने के लिए पंजाब सरकार से भी सवाल किया।
हाईकोर्ट की बेंच ने “मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, आप राजमार्ग पर ट्रैक्टर-ट्रॉली का उपयोग नहीं कर सकते। आप ट्रॉलियों पर अमृतसर से दिल्ली तक यात्रा कर रहे हैं।” कोर्ट ने यह रेखांकित करते हुए कहा कि “हर कोई अधिकारों के बारे में जानता है लेकिन संवैधानिक कर्तव्य भी तो हैं।”
अदालत अमरावती एन्क्लेव, पंचकुला निवासी वकील उदय प्रताप सिंह की एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि सड़क नाकाबंदी से न केवल निवासियों को असुविधा हो रही है, बल्कि एम्बुलेंस, स्कूल बसों की आवाजाही में भी बाधा आ रही है।
याचिकाकर्ता ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू करने और हरियाणा के कई जिलों जैसे अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं और बल्क एसएमएस के निलंबन को हटाने के निर्देश देने की भी मांग की।
संयुक्त किसान मोर्चा का अलग स्टैंडः किसान संगठनों द्वारा एमएसपी पर केंद्र सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार करने के बाद पंजाब-हरियाणा सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम और एसकेएम-ऑल इंडिया) ने स्पष्ट किया है कि उसकी संबद्ध यूनियनें 21 फरवरी के 'दिल्ली चलो' विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं लेंगी।
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यहां यह बताना जरूरी है कि मौजूदा किसान आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) की ओर से हो रहा है। हालांकि हरियाणा और पश्चिमी यूपी के किसान संगठनों और नेताओं ने आंदोलन का नैतिक समर्थन दिया है।
एसकेएम-ऑल इंडिया के राष्ट्रीय समन्वय के सदस्य, भारती किसान यूनियन (एकता-उगराहां) ने पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों के लिए समर्थन की घोषणा की है। जोगिंदर सिंह उग्राहां के नेतृत्व में, यह राज्य के सबसे बड़े कृषि संघों में से एक है, जिसे मालवा, विशेषकर संगरूर में महत्वपूर्ण समर्थन प्राप्त है।
बीकेयू (एकता-उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा कि उनके संघ के स्वयंसेवक वर्तमान में पूर्व-निर्धारित विरोध प्रदर्शनों में लगे हुए हैं, जिसमें सुनील जाखड़, कैप्टन अमरिंदर सिंह, केवल सिंह ढिल्लों और अन्य भाजपाइयों के आवासों के बाहर धरना भी शामिल है। इसके साथ-साथ टोल प्लाजा पर भी धरना चल रहा है। कोकरी कलां ने कहा, ''हमारी मांगें समान हैं लेकिन विरोध का तरीका अलग है।''
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