फ़ेसबुक जैसी प्रतिष्ठित और अंतरराष्ट्रीय कंपनियाँ भी नरेंद्र मोदी सरकार से बिगाड़ के डर से अपने ही दिशा- निर्देशों का उल्लंघन करती हैं और नफ़रत फैलाने वाले पोस्ट को नहीं हटाती हैं।