यूपी के गैंगस्टर और नेता मुख्तार अंसारी के 11 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापे मारे। ये छापे यूपी के अलावा दिल्ली में भी मारे गए। अंसारी, उनका विधायक बेटा इस समय ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी में हैं।
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के गाजीपुर और उत्तर प्रदेश में गाजीपुर में मुख्तार अंसारी से जुड़े ठिकानों पर छापे मारे गए। ईडी ने अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
नेटवर्क 18 के मुताबिक मुख्तार अंसारी इस समय यूपी की बांदा जेल में बंद हैं। सूत्रों ने बताया कि ईडी ने कम से कम 11 ठिकानों पर छापे मारे हैं। उनके परिवार के सदस्य, चार्टर्ड एकाउंटेंट और करीबी सहयोगी जहां रहते हैं, उन जगहों पर तलाशी ली जा रही है।
गुरुवार को की गई कार्रवाई में अंसारी के करीबी सहयोगी विक्रम अग्रहरी, गणेश मिश्रा और खान बस सेवा के मालिक शामिल हैं। अंसारी के मोहम्मदाबाद स्थित आवास की भी तलाशी ली जा रही है।
हाल ही में, आप के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा जांच का आदेश दिया गया था, जब यह पाया गया कि वहां की पूर्व कांग्रेस सरकार ने उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर-राजनेता को बचाने के लिए 55 लाख रुपये खर्च किए थे।
जांच से पता चला कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रति सुनवाई 11 लाख रुपये और वकील की फीस पर कुल 55 लाख रुपये खर्च करके अंसारी का केस लड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील को लगाया था। रिपोर्ट के मुताबिक, जेल मंत्री हरजोत बैंस के मुताबिक वकील ने जिस दिन सुनवाई नहीं हुई उस दिन कथित तौर पर 5 लाख रुपये भी लिए थे।
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