मानव तस्करी के संदेह में चार दिनों से फ्रांस में रुके यात्रियों, जिनमें ज्यादातर भारतीय थे, को लेकर एक चार्टर विमान मंगलवार सुबह मुंबई हवाई अड्डे पर उतरा। विमान ट्रैकिंग वेबसाइट Flightradar24 ने दिखाया कि यह फ्लाइट मुंबई एयरपोर्ट पर सुबह 4 बजे उतरी। इसमें 276 यात्री थे। यह फ्लाइट दुबई से निकारागुआ जा रही थी।
इस फ्लाइट का संचालन रोमानिया की चार्टर कंपनी लीजेंड एयरलाइंस कर रही है। दुबई से निकारागुआ जा रही फ्लाइट तकनीकी स्टॉपओवर के लिए गुरुवार को फ्रांस के वैट्री एयरपोर्ट पर रुकी, जहां फ्रांसीसी अधिकारियों ने इसे मानव तस्करी के शक में रोक दिया था। विमान में उस समय 303 यात्री थे।
फ्रांसीसी अधिकारियों ने कहा कि जब विमान ने मुंबई के लिए उड़ान भरी तो उसमें 276 यात्री सवार थे। दो नाबालिगों सहित कम से कम 25 लोगों ने शरण के लिए आवेदन करने की इच्छा जताई है और वे अभी भी फ्रांसीसी धरती पर हैं। एक फ्रांसीसी चैनल ने कहा कि दो अन्य लोगों को वैट्री में जज के सामने पेश किया गया। फिर दोनों को रिहा कर दिया गया और वे दोनों अब सहायक गवाह हैं।
ये मामला काफी अजीबोगरीब लग रहा है। एक स्थानीय अधिकारी ने कहा कि जब फ्लाइट ए340 वैट्री हवाई अड्डे पर उतरी, तो उसमें सवार 303 भारतीय यात्रियों में से 11 नाबालिग थे, जिनके साथ कोई नहीं था। यह अभी साफ नहीं है कि 11 नाबालिग कहीं मानव तस्करी का हिस्सा तो नहीं थे।
फ्लाइट के वैट्री में उतरने के बाद, फ्रांसीसी अधिकारियों ने न्यायिक जांच शुरू की। समाचार एजेंसी एएफपी ने न्यायिक सूत्रों के हवाले से कहा कि फ्रांसीसी अधिकारियों ने इमीग्रेशन कानूनों के उल्लंघन के मामले की जांच जारी रखी है, लेकिन अभी संभावित मानव तस्करी पर स्थिति साफ नहीं है।
एएफपी ने बताया कि भारतीय शायद संयुक्त अरब अमीरात के श्रमिक थे जो संयुक्त राज्य अमेरिका या कनाडा में जान के लिए निकारागुआ जा रहे थे। अमेरिका में शरण लेने की कोशिश करने वालों के लिए निकारागुआ एक लोकप्रिय प्वाइंट बन गया है। अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा गश्ती (सीबीपी) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023 में 96,917 भारतीयों ने अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने का प्रयास किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 51.61 प्रतिशत अधिक है। सीबीपी डेटा से पता चलता है कि उनमें से कम से कम 41,770 भारतीयों ने मैक्सिकन बॉर्डर से अमेरिका में प्रवेश करने का प्रयास किया। निकारागुआ या तीसरे देशों के लिए जो फ्लाइट्स ऐसे यात्रियों को लेकर जाती है, उन्हें 'डंकी' उड़ान के रूप में जाना जाता है। निकारागुआ में इमीग्रेशन के कागजात आसानी से बन जाते हैं।
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