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मृतक अग्निवीर के परिजन- 'केंद्र, सेना से कोई अनुग्रह राशि नहीं मिली': रिपोर्ट

हरियाणा के मृतक अग्निवीर के परिजन को 1 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि दिए जाने के राजनाथ सिंह के दावे उलटे पड़ते दिख रहे हैं। पहले राहुल गांधी ने दावा किया था कि 'रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद अग्निवीर के परिवार को सहायता मिलने के बारे में संसद में झूठ बोला'। अब मृतक के परिजन ने ही साफ़-साफ़ कह दिया है कि केंद्र और सेना से उन्हें कोई अनुग्रह राशि नहीं मिली है। 

मृतक अग्निवीर अजय सिंह के पिता चरणजीत सिंह काला ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'हमें बीमा कवर दावे से 98 लाख रुपये मिले हैं। इसमें सेना से 48 लाख रुपये का चेक शामिल है जो बीमा कवर है, न कि अनुग्रह राशि। एक निजी बैंक से 50 लाख रुपये और मिले हैं जो मेरे बेटे की बीमा पॉलिसी का दावा है। पंजाब सरकार ने हमें 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है। लेकिन राजनाथ सिंह का दावा कि केंद्र ने हमें 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है, पूरी तरह से झूठ है। हमें अभी तक केंद्र या सेना से कोई अनुग्रह राशि नहीं मिली है।'

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अग्निवीर के पिता का यह आरोप तब आया है जब अजय सिंह के परिवार को केंद्र से कोई मुआवजा नहीं मिलने के राहुल गांधी के आरोपों के बाद सेना ने एक बयान जारी कर कहा था कि 'सोशल मीडिया पर कुछ पोस्टों से पता चला है कि कर्तव्य निभाते हुए अपनी जान गंवाने वाले अग्निवीर अजय कुमार के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया गया है। ...देय कुल राशि में से अग्निवीर अजय के परिवार को पहले ही 98.39 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। अग्निवीर योजना के प्रावधानों के अनुसार लागू लगभग 67 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और अन्य लाभ, पुलिस सत्यापन के तुरंत बाद अंतिम खाता निपटान पर भुगतान किए जाएंगे। कुल राशि लगभग 1.65 करोड़ रुपये होगी।'

शहीद अग्निवीर के परिवार को आर्थिक मदद को लेकर संसद में राहुल गांधी के जिस बयान को सरकार से लेकर सोशल मीडिया यूज़रों तक ने तथ्यात्मक रूप से ग़लत बताया था, उसको बाद में राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट कर अपने दावे को सही क़रार दिया था। उन्होंने रक्षा मंत्री के बयान को झूठा क़रार दिया।

राहुल गांधी और राजनाथ सिंह के बीच अग्निवीर योजना पर संसद में जबर्दस्त बहस हुई थी। लोकसभा में पहली बार विपक्ष के नेता बने राहुल गांधी ने लोकसभा में अग्निपथ योजना को लेकर सरकार पर निशाना साधा और इसे सरकार के लिए 'इस्तेमाल करो और फेंक दो' वाली योजना करार दिया था। इस योजना के तहत भर्ती किए गए लोगों को अग्निवीर कहा जाता है। 
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राहुल ने कहा था, 'एक अग्निवीर ने बारूदी सुरंग विस्फोट में अपनी जान गँवा दी, लेकिन उसे 'शहीद' नहीं कहा जाता। मैं उसे शहीद कहता हूँ, लेकिन भारत सरकार उसे शहीद नहीं कहती। प्रधानमंत्री मोदी उसे शहीद नहीं कहते। वह उसे अग्निवीर कहते हैं। उसके परिवार को पेंशन नहीं मिलेगी। उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा। उसे शहीद नहीं कहा जाएगा। उसके लोगों को पेंशन नहीं मिलेगी। उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा। अग्निवीर को मजदूर की तरह इस्तेमाल किया जाता है और फेंक दिया जाता है।'
इसी बयान पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बीच में टोकते हुए कहा था कि राहुल गांधी ग़लत बयान देकर सदन को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया था कि युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले अग्निवीर के परिवार को एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।
रक्षा मंत्री के इसी बयान को राहुल ने एक वीडियो जारी कर झूठा क़रार दिया। राहुल ने कहा है, 'सत्य की रक्षा हर धर्म का आधार है! लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद अग्निवीर के परिवार को सहायता मिलने के बारे में संसद में झूठ बोला। उनके झूठ पर शहीद अग्निवीर अजय सिंह के पिता जी ने खुद सच्चाई बताई है। रक्षा मंत्री को संसद, देश, सेना और शहीद अग्निवीर अजय सिंह जी के परिवार से माफी मांगनी चाहिए।'
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बता दें कि एक दिन पहले ही लुधियाना जिले के पायल उपमंडल के रामगढ़ सरदारन गांव में मृतक अग्निवीर अजय सिंह (23) के घर के बाहर उस समय जबरदस्त ड्रामा हुआ जब परिवार के सदस्यों ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों के एक समूह को यह आरोप लगाते हुए भगा दिया कि वे उन्हें परेशान कर रहे हैं। गुरुवार को अजय सिंह के परिवार ने कहा कि उनके बेटे की मौत के छह महीने बाद भी उन्हें केंद्र या सेना से कोई अनुग्रह राशि नहीं मिली है। स्थानीय कांग्रेस नेता स्मित सिंह ने परिवार से संपर्क किया। परिवार के घर के बाहर उन्होंने समाचार चैनलों को बाइट देते हुए दावा किया कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी का लोकसभा में यह दावा सच है कि मृतक अग्निवीर के परिवार को केंद्र से कोई मुआवजा नहीं मिला। स्मित ने कहा कि परिवार को केवल बीमा कवर राशि मिली, केंद्र से कोई अनुग्रह राशि नहीं मिली। 

स्मित सिंह ने कहा, 'मैं यहां आया हूं क्योंकि राहुल गांधी ने मुझे इस परिवार की देखभाल करने और उनकी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए नियुक्त किया है।'

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क़मर वहीद नक़वी
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