आईआईटी कानपुर ने कोरोना की जिस चौथी लहर की आशंका जताई थी क्या अब उसके संकेत मिलने लगे हैं? दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। अमेरिका में भी संक्रमण के मामलों में उछाल आया है। चीन में तेज़ी से मामले बढ़ने के कारण कई शहरों में लॉकडाउन लगाया गया है। इजराइल में नया वैरिएंट मिला है। और भारत में स्वास्थ्य अधिकारियों ने उच्च स्तरीय बैठक की है। तो क्या ये कोरोना की अगली लहर के संकेत हैं?
सबसे ताज़ा मामला इज़राइल का है। इसने कहा है कि उसने एक नए कोविड वैरिएंट के दो मामले दर्ज किए हैं। इज़राइल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह वैरिएंट अभी भी दुनिया भर में अज्ञात है। हालाँकि इज़राइल की महामारी पर कार्रवाई करने वाली संस्था के प्रमुख ने नए वैरिएंट के बारे में आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की है।
कोविड का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन वैरिएंट के दो ही उप-संस्करणों- बीए.1 और बीए.2 का मिलाजुला रूप है। इज़राइल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि नये वैरिएंट में जो अब तक लक्षण दिखे हैं वे हल्के हैं और उसमें हल्का बुखार, सिर दर्द और मांसपेशियों में दर्द की शिकायतें मिली हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने देशों से सतर्कता बरतने को कहा है। इसने कहा कि कोरोना मामलों में वैश्विक वृद्धि दिखाने वाले आंकड़े बहुत बड़ी समस्या पैदा कर सकते हैं क्योंकि कुछ देशों में जाँच दरों में गिरावट आई है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि एक महीने से अधिक समय तक गिरावट आने के बाद पिछले हफ्ते दुनिया भर में कोरोना के मामले बढ़ने लगे। इसने कहा है कि ऐसा कई वजहों से हो रहा है।
- एक तो अधिक तेज़ी से फैलने वाला ओमिक्रॉन वैरिएंट और इसका एक नया रूप बीए.2 है।
- दूसरा कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों को हटाया जाना है।
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने संवाददाताओं से कहा,
“
यह वृद्धि कुछ देशों में परीक्षण में कमी के बावजूद हो रही है, जिसका अर्थ है कि हम जो मामले देख रहे हैं वह बहुत बड़ी समस्या का एक छोटा हिस्सा है।
टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस, डब्ल्यूएचओ प्रमुख
बता दें कि पिछले सप्ताह की तुलना में वैश्विक स्तर पर नए संक्रमणों में 8% की वृद्धि हुई है जिसमें 1.1 करोड़ नये मामले आए हैं और 7-13 मार्च तक 43,000 से अधिक नई मौतें हुई हैं।
सबसे बड़ी छलांग पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में थी जिसमें दक्षिण कोरिया और चीन शामिल हैं, जहाँ मामलों में 25% और मौतों में 27% की वृद्धि हुई है।
चीन में संक्रमण के मामले 2 साल में सबसे ज़्यादा आ रहे हैं। वहाँ रविवार को ही 3 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आए थे। कई शहरों में लॉकडाउन लगाना पड़ा है। लॉकडाउन लगाने के लिए मुख्य तौर पर दो कारण हैं।
- पहला तो यह कि संक्रमण के मामलों में तेज़ी से वृद्धि हुई है।
- दूसरा यह है कि चीन कोरोना को रोकने के लिए आक्रामक पाबंदियों को अपनाता रहा है।
चीन सहित कई देशों में कोविड -19 मामलों में उछाल के साथ भारत के लिए ख़तरे की घंटी बज रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को भारत के कोविड-19 टास्क फोर्स के शीर्ष सदस्यों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से यह ख़बर दी है। इसमें कहा गया है कि भारत सरकार चीन, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और कुछ यूरोपीय देशों में रिपोर्ट किए जा रहे कोविड-19 मामलों और नई लहर के बारे में स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है।
ऐसी चिंताओं को लेकर आईआईटी कानपुर ने काफ़ी पहले से आगाह किया था। आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने फ़रवरी महीने में कहा था कि देश में कोरोना की चौथी लहर अगले 4 महीने में आ सकती है। यह लहर 4 महीने तक रह सकती है। शोध में कहा गया है कि गंभीरता देश भर में टीकाकरण की स्थिति, कोरोना के नये वैरिएंट की प्रकृति पर निर्भर करेगी। अध्ययन का नेतृत्व आईआईटी कानपुर के गणित विभाग के सबरा प्रसाद राजेशभाई, सुभरा शंकर धर और शलभ ने किया है। अध्ययन को MedRxiv में प्री-प्रिंट के रूप में प्रकाशित किया गया है।
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