14 फ़रवरी की दोपहर जब पुलवामा में 40 जवान शहीद हुए थे, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या कर रहे थे? सोशल मीडिया में इस पर काफ़ी अटकलें लगाई जा रही थीं। अगले दिन कुछ अख़बारों ने यह ख़बर छापी थी कि मोदी उस समय जिम कॉर्बेट में घूम रहे थे। लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई थी कि तस्वीरें हमले के पहले की थीं या बाद की। बुधवार को कांग्रेस पार्टी ने इस बारे में खुलासा किया। कांग्रेस ने खुलासे के साथ मोदी पर ज़बरदस्त हमला बोला। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ़्रेस कर यह आरोप लगाया कि 'जब सारा देश पुलवामा हमले के बाद शोक में डूबा हुआ था और जवानोें के शव गिन रहा था, मोदी जी जिम कॉर्बेट में एक फ़िल्म की शूटिंग कर रहे थे। क्या दुनिया में ऐसा कोई प्रधानमंत्री है?' पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री की तस्वीर अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की। नीचे देखें।
मोदी की प्राथमिकता पर सवाल
सुरजेवाला ने कुछ तस्वीरें जारी कीं और यह सवाल खड़ा किया प्रधानमंत्री की प्राथमिकता क्या है? वह हमले के समय अपने प्रचार और प्रोपगैंडा में ही व्यस्त थे, जबकि सीआरपीएफ़ के 40 जवान देश की खातिर अपनी जान गँवा चुके थे। सुरजेवाला ने कहा कि इस हमले के बाद भी प्रधानमंत्री कैमरे के साथ नौका विहार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अपने राजधर्म का पालन नहीं कर रहे थे जबकि उन्हें इस घटना की जानकारी मिल चुकी थी। उन्होंने आगे कहा कि पुलवामा में हमला 3.10 पर हुआ था, 5.15 पर कांग्रेस पहली पार्टी थी, जिसने इस घटना की निंदा की। लेकिन प्रधानमंत्री सात बजे तक सरकार के खर्चे पर पीडब्लूडी के गेस्टहाउस में चाय-समोसे खा रहे थे। यह वही वक़्त था जबकि भारतीय जवानों के घर पर किसी ने खाना नहीं खाया था।
सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या किसी देश के प्रधानमंत्री से यह उम्मीद की जा सकती है? प्रधानमंत्री को तो फौरन सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता करनी चाहिए थी, सुरक्षा मामलों की जानकारी लेनी चाहिए थी और कार्रवाई करनी चाहिए थी। लेकिन वह इसकी जगह फ़िल्म की शूटिंग करते रहे।
सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी ने अध्यक्ष राहुल गाँधी के निर्देश के मुताबिक़ अभी तक संयम बरता हुआ है। लेकिन शहीदों का अपमान करने वाले इस मामले को हाईलाइट करना ज़रूरी था। टेलीविज़न चैनल टीवी9 भारतवर्ष ने जिम कॉर्बेट का वीडियो बनाया, जो हम आपके साथ साझा कर रहे हैं।
पुलवामा हमले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने कहा था कि पूरा देश और उनकी पार्टी इस मामले में सेना और सरकार के साथ मजबूती के साथ खड़ी है और सरकार जो भी कदम उठाएगी, वह उसका समर्थन करेगी। हालाँकि उस दौरान भी कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सरकार की आलोचना वाले बयान दिए थे। सुरजेवाला ने बुधवार को राहुल गाँधी के इस बयान को एक बार फिर दुहराया। लेकिन उनका मानना था कि प्रधानमंत्री के बारे में यह जानकारी मिलने के बाद इसे देश को बताना बहुत ज़रूरी है।
सुरजेवाला ने कहा कि पुलवामा हमला देश की एकता और अखंडता पर बड़ा हमला था। ऐसे में कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ सुरक्षा बलों को अपना समर्थन देती है।
सुरजेवाला ने कहा कि पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया जाना चाहिए और हमारी पार्टी ऐसे हर कदम का समर्थन करती है। लेकिन प्रधानमंत्री अपने कर्तव्य को भूल गए और उनका पूरा ध्यान अपनी सरकार को बचाने में लगा हुआ है। उनके लिए सत्ता की भूख शहीदों के सम्मान से बड़ी है।
कांग्रेस के इस हमले के बाद बीजेपी ने भी फौरन जवाब दिया। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह पुलवामा हमले पर राजनीति कर रही है। अमित शाह ने कहा, 'कांग्रेस इस मामले को तूल दे रही है कि प्रधानमंत्री उस वक़्त क्या कर रहे थे। आपको जो कहना है, कहिए, देश के लोगों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। प्रधानमंत्री मोदी सुरक्षा के मसले पर बहुत गंभीर हैं और आतंकवाद पर ‘ज़ीरो टॉलरंस’ की नीति पर चलते हैं।' शाह ने कांग्रेस से पूछा कि आप किस मुँह से प्रधानमंत्री से सवाल कर रहे हैं। यह वही पार्टी है जिसने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल खड़े किए थे। अमित शाह ने यह आरोप आंध्र प्रदेश में एक रैली में लगाया।
बीजेपी के जवाब से साफ़ है कि कांग्रेस के आरोपों से बुरी तरह तिलमिला गई है। अमित शाह की बात से साफ़ है कि वह जिम कार्बेट में प्रधानमंत्री की फ़िल्म की शूटिंग के आरोप को ग़लत नहीं बता पा रहे हैं। एक तरह से उन्होंने माना कि मोदी वही कर रहे थे, जो आरोप सुरजेवाला ने लगाया।
सुरजेवाला ने कहा था, मोदी जी 'डिस्कवरी' चैनल के प्रमुख और उसकी कैमरा टीम के साथ नौका विहार कर रहे थे और घड़ियाल देख रहे थे। सुरजेवाला ने कहा कि यह एक निहायत ही शर्मनाक घटना है।
कांग्रेस के आज के हमले से साफ़ है कि अब वह पुलवामा के मसले पर ज़्यादा संयम नहीं बरतेगी।
कांग्रेस ने रणनीति बदली
राजनीतिक जानकारों को यह बात हैरान कर रही है कि आखिर पुलवामा के आतंकी हमले से एक दिन तक राहुल गांधी कांग्रेस के तमाम नेताओं से फ्रंट फ़ुट पर खेलने की बात कर रहे थे। लेकिन हमले के फौरन बाद वह खुद बैकफुट पर चले गए। प्रवक्ताओं को भी सोच समझ कर बोलने की हिदायत दी गई। राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा था कि पुलवामा आतंकी हमले ने राजनीतिक परिदृश्य बदल दिया है। जहां पहले राजनीतिक हवा मोदी सरकार के ख़िलाफ़ दिख रही थी, हमले के बाद देश में मोदी के समर्थन में माहौल बनने लगा। लोग भी सरकार से सवाल पूछने के बजाय विपक्षी दलों पर निशाना साध रहे थे। ऐसे में कांग्रेस इतना ज्यादा बैक फ़ुट पर पर चली गई कि दो दिन के बजाय पांच दिन तक उसके मुंह से मोदी सरकार के ख़िलाफ़ एक शब्द तक नहीं निकला।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने गंभीर विचार विमर्श करने के बाद मोदी सरकार को नए सिरे से घेरने की रणनीति बनाई गई और उस के बाद राहुल गांधी ख़ुद हरकत में आए। बुधवार को अचानक कांग्रेस ने रणनीति बदली। राहुल गांधी प्रियंका गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज बब्बर को लेकर शामली के शहीद के घर पहुँच गए।
बीजेपी बेचैन
साथ ही उन्हें यह अहसास कराया कि वह उनका दुख इसलिए बेहतर तरीके समझ सकते हैं कि उन्होंने भी अपनी दादी और पिता को आतंकी हमलों में ही खोया है। यह कांग्रेस का तुरुप का पत्ता था। जिस अंदाज़ में प्रियंका गांधी शहीद के परिवार की महिलाओं से मिलीं, उससे बीजेपी में ख़ासी बेचैनी है। यह जवानों की शहादत पर बीजेपी की राजनीति का क़रारा जवाब है। जैसे कि 'सत्य हिंदी' में अपने पाठकों को पहले ही बताया था, आतंक के पुलवामा के आतंकी हमले के बहाने कांग्रेस सुरक्षा को बड़ा मुद्दा बनाने की फिराक में है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में इस पर सहमति बनी है कि 28 फरवरी को अहमदाबाद में होने वाली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में देश की बाहरी और आंंतरिक सुरक्षा पर अलग से प्रस्ताव लाकर मोदी सरकार को घेरा जाए। इसी की झलक कांग्रेस ने गुरुवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाई है।कांग्रेस ने सीधे प्रधानमंत्री पर हमला बोल कर साबित कर दिया है कि अब वह देश की बाहरी और आंतरिक सुरक्षा पर मोदी सरकार की नींद हराम करके ही मानेगी। सुरजेवाला ने आगे कहा, ‘मंत्रियों ने शहीदों की ताबूत के साथ सेल्फी ली। देश अभी शोक में डूबा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सैर-सपाटे के लिए विदेश दौरे पर चले गए हैं। पालम एअरपोर्ट पर भी शहीदों के ताबूत नरेंद्र मोदी का इंतजार करते रहे, लेकिन वह देर से पहुँचे। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने न केवल बांग्लादेश को आजादी दिलवाई, बल्कि 91 हज़ार पाक सैनिकों को आत्म समर्पण करना पड़ा था। पाकिस्तान को इंदिरा गांधी ने धूल चटाने का काम किया था। हम ऐसी ही निर्णायक कार्रवाई की मांग मोदी जी से करते हैं।‘
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