कोरोना वायरस की वजह से देश के कई हिस्सों में स्कूल-कॉलेज और सिनेमा हॉल तो बंद पहले ही कर दिए गए हैं, अब इसकी आशंका भी है कि सुप्रीम अपने कामकाज में कटौती करे। यह भी मुमकिन है कि अदालत के वैकेशन की मियाद बढ़ा दी जाए।
साफ़ है, कोरोना वायरस संक्रमण के चपेट में अदालत भी आ रहे हैं, इससे बचना मुश्किल है।
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गुरुवार की शाम मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस. ए. बोबडे के आवास पर इस मुद्दे पर एक अहम बैठक हुई। इसमें जस्टिस अरुण मिश्रा, यू. यू. ललित और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव अशोक अरोड़ा भी मौजूद थे।
इस बैठक में इस पर चर्चा की गई कि क्या अदालत के कामकाज की अवधि में कटौती की जाए।
इसके साथ ही इस पर भी चर्चा हुई कि क्या अदालत में सीधे पेशी के बजाय टेली कॉनफ्रेंसिग जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल अधिक किया जाए ताकि कोरोना संक्रमण रोका जा सके।
शुक्रवार दोपहर बाद इस मुद्दे पर किसी फ़ैसले की संभावना है।
याद दिला दें कि गुरुवार को ही अरविंद केजरीवाल सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को ध्यान में रखते हुए 31 मार्च तक तमाम स्कूल-कॉलेज और सिनमाघरों को बंद करने का आदेश दिया था। सरकार ने यह आदेश इसलिए जारी किया कि राज्य में संक्रमण न फैले। भारत में अब तक 73 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'दिल्ली के तमाम सिनेमा हॉल 31 मार्च तक बंद रहेंगे। जिन स्कूल-कॉलेजों में परीक्षा नहीं हो रही है, वे भी बंद कर दिए जाएंगे।'
कोरोना वायरस से भारत में पहली मौत हो गई है। उत्तरी कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में यह मौत हुई है। मरने वाले शख़्स की उम्र 76 साल थी। यह शख़्स एक महीने तक सऊदी अरब में रहा था और 29 फ़रवरी को वहां से लौटा था। बुजुर्ग की तब हैदराबाद एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग भी की गई थी लेकिन उस समय उनमें कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं मिले थे। लेकिन बीते मंगलवार को उनका कोरोना टेस्ट पॉजीटिव आया था।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बी. श्रीरामुलु ने ट्वीट कर कहा है कि इस शख़्स के परिवार के लोगों और वह जिनसे मिला-जुला था, उनकी पहचान करने की कोशिश की जा रही है।
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