पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता उनके समर्थन में आ गए हैं। चिदंबरम के समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके आवास के बाहर प्रदर्शन किया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनके नेता को राजनीतिक कारणों से निशाना बनाया जा रहा है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने चिदंबरम के समर्थन में ट्वीट किया है। प्रियंका ने लिखा, 'बेहद योग्य और सम्मानित राज्यसभा सदस्य पी. चिदंबरम जी ने दशकों तक वित्त मंत्री और गृह मंत्री के रूप में देश की सेवा की है।’ प्रियंका ने आगे कहा, ‘चिदंबरम बिना हिचके सरकार की असफलताओं को बयां करते हैं और सच बोलते हैं लेकिन सच्चाई का सामना करना कायर लोगों के लिए मुश्किल होता है। इसलिए शर्मनाक ढंग से उनका पीछा किया जा रहा है। हम उनके साथ खड़े हैं और सच्चाई के लिए लड़ते रहेंगे, चाहे इसका परिणाम कुछ भी हो।’
चिदंबरम के बुरी तरह घिरने के बाद कांग्रेस ने इस कार्रवाई को राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित बताया है। कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा है कि चिदंबरम और उनके परिवार के ख़िलाफ़ अत्याचार हो रहा है और यह पूरी तरह क़ानून और लोकतंत्र का अपमान है। तिवारी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अज्ञानता और अहंकार का अभिमान एक बेहद ही घातक कॉकटेल है।
मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनद शर्मा ने भी चिदंबरम के बचाव में कहा था कि सरकारी एजेंसियों को सुप्रीम कोर्ट की न्याय प्रकिया पर विश्वास करना चाहिए लेकिन एजेंसियाँ सरकार के इशारे पर क्या कर रही हैं, यह सब लोग देख रहे हैं। शर्मा ने कहा था कि बीजेपी-एनडीए सरकार में विरोधियों पर चुन-चुनकर कार्रवाई हो रही है और अब चिदंबरम को निशाना बनाया जा रहा है। शर्मा ने सवाल उठाया कि तृणमूल कांग्रेस, टीडीपी और दूसरे दलों के भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे नेताओं के बीजेपी में शामिल होने के बाद उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों बंद हो गई। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी कहा था कि इस मामले में बेवजह हो-हल्ला पैदा किया जा रहा है। सिंघवी ने कहा था कि यह बेहद दुखद है कि मीडिया का एक वर्ग चिदंबरम को भगौड़े के रूप में पेश कर रहा है जबकि ऐसा नहीं है।
चिदंबरम पर गिरफ़्तारी की तलवार लटक रही है और प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई उनकी तलाश में हैं। उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट से आईएनएक्स मीडिया केस में राहत नहीं मिली थी और उसके बाद से ही चिदंबरम का कुछ पता नहीं है। आईएनएक्स मीडिया मामले में मंगलवार शाम को सीबीआई की एक टीम उनके घर पर पहुँची थी लेकिन कांग्रेस नेता वहाँ नहीं मिले थे। इससे पहले मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने इसी मामले में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
अदालत ने की थी सख़्त टिप्पणी
मंगलवार को अदालत ने चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए बेहद सख़्त रुख दिखाया था। अदालत ने कहा था कि उन्हें सिर्फ़ इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती कि वह सांसद हैं। जस्टिस सुनील गौर ने कहा था, ‘इस मामले में पहली नज़र में तो तथ्य सामने आये हैं वे यह बताते हैं कि याचिकाकर्ता ही इस मामले का सूत्रधार है और वही इस मामले का मुख्य साज़िशकर्ता भी है।’ मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सुनील गौर ने कहा था कि यह कहना अतिश्योक्ति होगा कि चिदबंरम पर लगे आरोप निराधार हैं, राजनीति से प्रेरित हैं और बदले की भावना से लिये गये हैं। जस्टिस गौर ने कहा था कि यह एक आर्थिक अपराध है और इस मामले से सख़्ती से निपटा जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि इतने बड़े आर्थिक अपराध के मामले में जाँच एजेंसी के हाथों को बाँधकर नहीं रखा जा सकता।
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