तक़रीबन दो महीने तक भारत-चीन के बीच सैन्य, राजनयिक, राजनीतिक और आर्थिक रिश्तों में भारी तनातनी पैदा करने के बाद लगता है चीन को समझ में आ गया है कि पूर्वी लद्दाख में भारत से लगे सीमांत इलाकों में वास्तविक नियंत्रण रेखा का एकतरफा उल्लंघन कर जबरदस्ती घुसना उसके लिए महंगा पड़ेगा।
चीन ने शांति की बातें कीं, भारत ने कहा- दोनों पक्ष एलएसी तक पीछे लौटेंगे
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- 10 Jul, 2020

भारत-चीन में जारी मौजूदा सैन्य तनातनी के बीच चीन ने पहली बार अपने तेवर नरम करने के संकेत दिए हैं और कहा है कि गत पांच जुलाई को दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता में सीमा मसले पर जो आम सहमति बनी है, उसे लागू किया जाएगा। चीनी राजदूत सुन वेई तुंग के मुताबिक़, भारत और चीन का दो हजार सालों का दोस्ताना आदान-प्रदान का इतिहास रहा है।
क्या यही वजह है कि दस जुलाई को नई दिल्ली में चीन के राजदूत को अपनी ओर से एक विशेष वीडियो जारी कर भारतीयों को यह संदेश देना पड़ा कि भारत और चीन के बीच दो हजार साल से दोस्ताना रिश्ता रहा है, इसलिए भारत चीन को दुश्मन और सामरिक खतरा नहीं समझे। लेकिन इसके साथ ही चीनी राजदूत ने फिर दोहराया है कि दोस्ताना रिश्तों के लिए दोनों देश बीच का रास्ता तलाशें।