महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप झेल रहे डब्ल्यूएफ़आई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ जो चार्जशीट दायर की गई है उसमें डब्ल्यूएफ़आई के सहायक सचिव विनोद तोमर पर भी आरोप लगाए गए हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को कथित यौन उत्पीड़न में 'जानबूझकर सहायता' की। बृजभूषण सिंह पर छह शीर्ष महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
चार्जशीट में कहा गया है कि बृजभूषण सिंह पर आरोपों के पक्ष में कई सबूत मिले हैं। जिन छह मामलों में बृजभूषण पर आरोप लगाए गए हैं उनमें से दो में तोमर को सह-अभियुक्त के रूप में नामित किया गया है। द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार आरोप पत्र में कहा गया है कि तोमर ने यह सुनिश्चित किया कि जब शिकायतकर्ता तीन अलग-अलग मौकों पर बृजभूषण सिंह से मिलने गए तो वे अकेले हों। आरोप पत्र में कहा गया है कि एक मामले में पति को और दूसरे मामले में कोच को उनके साथ जाने से 'जानबूझकर' रोका गया। यह घटना राजधानी में अशोक रोड पर डब्ल्यूएफ़आई प्रमुख के कार्यालय-सह-निवास में घटी।
दो दशकों से अधिक समय से डब्ल्यूएफआई से जुड़े रहे तोमर पर आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी), 109 (उकसाने), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) और 354 ए (यौन उत्पीड़न) के तहत आरोप लगाए गए हैं। अंग्रेज़ी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार बृजभूषण सिंह टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे। हालाँकि, चार्जशीट में कहा गया है कि पूछताछ के दौरान तोमर ने अपने ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों से पूरी तरह से इनकार किया है।
रिपोर्ट के अनुसार पहलवानों में से एक की शिकायत का ज़िक्र करते हुए आरोप पत्र में कहा गया है, 'शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि जब वह (अपने पति) के साथ दिल्ली में डब्ल्यूएफआई के कार्यालय में मिलने गई थीं तो आरोपी विनोद तोमर ने केवल पीड़िता को ही बृज भूषण शरण सिंह के कार्यालय में प्रवेश करने दिया... और जानबूझकर (उनके पति को) कार्यालय के अंदर नहीं जाने दिया... और उसी दिन बृजभूषण ने उसके साथ छेड़छाड़ की... अगले दिन, उनके पति को घुसने नहीं दिया और पीड़िता के साथ फिर से छेड़छाड़ की गई।' कथित तौर पर दोनों घटनाएं 2017 में हुईं।
अख़बार के अनुसार चार्जशीट में कहा गया, 'उनके पति को बृजभूषण के कार्यालय के बाहर बैठने या इंतजार करने की अनुमति नहीं देने और उन्हें अपने (तोमर के) कार्यालय के पास बैठाने की विनोद तोमर की मंशा उनकी ओर से स्पष्ट रूप से दुर्भावनापूर्ण इरादे को दर्शाती है क्योंकि बृजभूषण के कमरे का दरवाजा विनोद तोमर के कार्यालय के बाहर से दिखाई नहीं देता था।' आरोपपत्र में कहा गया है कि तोमर ने कथित तौर पर इस पहलवान को अपने घर भी बुलाया, जहां 'ओलंपिक में स्थान हासिल करने में विफलता के आधार पर उसे अपमानित किया गया और मानसिक रूप से परेशान किया गया।'
रिपोर्ट के अनुसार 2022 में इसी तरह की एक घटना में तोमर ने कथित तौर पर एक अन्य शिकायतकर्ता के कोच को बाहर इंतजार करने के लिए कहा था, जब पहलवान को सिंह से उनके कार्यालय में मिलने के लिए कहा गया था। चार्जशीट में कहा गया है, 'शिकायतकर्ता ने धारा 164 के तहत अपने बयान में विशेष रूप से कहा है कि विनोद तोमर आरोपी बृजभूषण के चैंबर के अंदर गया और उसके बाद पीड़िता को अकेले चैंबर के अंदर जाने के लिए कहा, और जानबूझकर कोच को अंदर जाने से रोक दिया, और दरवाजा बंद कर दिया। जब पीड़िता आरोपी बृजभूषण के चैंबर के अंदर अकेली थी, तो आरोपी ने यौन संबंधों की मांग करते हुए अशोभनीय हरकतें कीं। इस प्रकार, विनोद तोमर ने योजनाबद्ध तरीके से उपरोक्त अपराध को अंजाम देने में सहायता/सुविधा दी।'
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