संसद के पाँच दिन के विशेष सत्र के लिए सरकार ने अब एक दिन का एजेंडा बताया है। लोकसभा और राज्यसभा की बुलेटिन के अनुसार संसद के विशेष सत्र के पहले दिन 18 सितंबर को दोनों सदनों में 'संविधान सभा से शुरू होने वाली 75 वर्षों की संसदीय यात्रा- उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख' पर चर्चा होगी। इसमें यह नहीं बताया गया है कि इसके आगे के दिनों में क्या होगा। तो अब तक क्या इसी एजेंडे को 'छुपाया' जा रहा था और विपक्षी दलों द्वारा बार-बार पूछे जाने पर भी नहीं बताया जा रहा था? या फिर एजेंडे में अभी बड़ी चीजें बाकी हैं?