इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर के बाद सुप्रीम कोर्ट के तीन पूर्व जजों ने बुलडोजर से लोगों के घर गिराने की कार्रवाई को खारिज कर दिया है। इन तीन पूर्व जजों के अलावा 9 जाने-माने कानूनी विशेषज्ञों और एक्टिविस्टों ने इस कार्रवाई को कानून का मजाक बताया है। इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर इस मामले में दखल देने की मांग की है। प्रयागराज में जेएनयू की छात्र नेता आफरीन फातिमा की मां परवीन फातिमा का घर गिराने के बाद देशभर में तमाम हस्तियों की तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। बुलडोजर राजनीति की शुरुआत यूपी से हुई, जिसे बीजेपी शासित एमपी, गुजरात, असम, त्रिपुरा आदि में अपनाया गया।
बुलडोजरः सुप्रीम कोर्ट के 3 पूर्व जजों ने कहा - यह कानून का मजाक है, कोर्ट दखल दे
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- 14 Jun, 2022
सुप्रीम कोर्ट तीन पूर्व जजों, हाईकोर्ट के पूर्व जजों और कई कानूनविदों ने बुलडोजर से प्रदर्शनकारियों के घर गिराने का विरोध किया है। उन्होंने भारत के चीफ जस्टिस को लिखे गए पत्र में इस मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया है। विरोधी की शुरुआत इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर के उस बयान से हुई थी, जिसमें उन्होंने सत्य हिन्दी के साथ बात करते हुए इसे गैरकानूनी बताया था।
