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कोवैक्सीन की खरीद में ब्राज़ील में लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को भारत बायोटेक ने खारिज किया है। इसने बयान जारी कर कहा है कि इस सौदे में कुछ भी गड़बड़ी नहीं हुई है। हालाँकि कंपनी पर इस तरह का कोई आरोप नहीं लगा है, लेकिन सौदे में बिचौलिए का हाथ होने के आरोप लगाए जा रहे हैं। भारत बायोटेक का यह बयान तब आया है जब आज ख़बर आई है कि ब्राज़ील ने कोवैक्सीन के लिए 324 मिलियन डॉलर यानी क़रीब 24 अरब 5 करोड़ रुपये का सौदा निलंबित कर दिया है।
ब्राज़ील की जईर बोसोनारो सरकार की कोवैक्सीन खरीद की यह योजना तब खटाई में पड़ती दिखने लगी जब इस सौदे में अनियमितता के आरोप लगे और फिर ब्राज़ील के अधिकारियों ने कोवैक्सीन खरीद की जाँच शुरू कर दी। वैक्सीन की दो करोड़ खुराक खरीदने का सौदा है। समझा जाता है कि इस खरीद सौदे में लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से ब्राज़ील के राष्ट्रपति जईर बोसोनारो की छवि को नुक़सान पहुँचा है और इसी कारण यह ताज़ा फ़ैसला लिया गया है।
इस बीच अब भारत बायोटेक ने एक बयान जारी कर कहा है कि इसने सौदे के लिए क़दम दर क़दम बढ़ाए हैं और ब्राज़ील में नियामक मंजूरी मिली हुई है। इसने बयान में कहा है, 'ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोवैक्सीन की खरीद के इस विशिष्ट मामले में नवंबर 2020 से 29 जून के दौरान शुरुआती बैठकों के बाद से इस आठ महीने के दौरान अनुबंधों और नियामक अनुमोदनों के लिए क़दम-दर-क़दम दृष्टिकोण का पालन किया गया है।'
इसने कहा है कि कोवैक्सीन को 4 जून को मंजूरी मिली। इसने दावा किया कि 29 जून तक भारत बायोटेक ने न तो कोई अग्रिम भुगतान प्राप्त किया है और न ही ब्राज़ील के स्वास्थ्य मंत्रालय को कोई टीके की आपूर्ति की है।
बयान में कहा गया है, 'भारत बायोटेक ने दुनिया भर के कई देशों में अनुबंध, नियामक अनुमोदन और आपूर्ति के लिए एक समान दृष्टिकोण का पालन किया है, जहाँ कोवैक्सीन सफलतापूर्वक आपूर्ति की जा रही है।'
भारत बायोटेक ने कहा है कि भारत के बाहर के देशों के लिए कोवैक्सीन की हर खुराक की क़ीमत 15-20 डॉलर रखी गई है और ब्राज़ील के लिए यह 15 डॉलर प्रति खुराक है।
कंपनी ने कहा है कि इन क़ीमतों पर ही कई अन्य देशों से कंपनी ने अग्रिम भुगतान प्राप्त किया है जिसकी आपूर्ति किए जाने की प्रक्रिया जारी है।
बता दें कि बोसोनारो सरकार पर कोरोना टीका खरीद में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगने के बाद लोगों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किए हैं। इस मामले की जाँच ब्राज़ील की सीनेट का पैनल कर रहा है। रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति को अपनी चिंताओं के बारे में व्यक्तिगत रूप से सचेत किया। ब्राज़ील के स्वास्थ्य मंत्री मार्सेलो क्विरोगा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सौदे के निलंबन के दौरान उनकी टीम जाँच करेगी।
ब्राज़ील के मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'सीजीयू (संघीय कंप्ट्रोलर) के प्रारंभिक विश्लेषण के अनुसार, अनुबंध में कोई अनियमितता नहीं है, लेकिन नियमों के अनुपालन के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने अधिक गहन विश्लेषण करने के लिए अनुबंध को निलंबित करने का विकल्प चुना।'
इस सौदे में इस बात को लेकर सवाल उठाए गए हैं कि तुलनात्मक रूप से ऊँची क़ीमतें हैं, जल्दबाज़ी में सौदा किया गया और नियामक से मंजूरी मिलना लंबित था तभी फरवरी में सौदा कर लिया गया।
ब्राज़ील की कंपनी प्रेसिज़ा मेडिकामेन्टोज़ ने इस सौदे में बिचौलिए की भूमिका निभाई थी और भारत बायोटेक व ब्राज़ील सरकार में सौदा करवाया था। हाल ही में ब्राजील के सीनेटर यानी सांसद रेनन कैलेरोज़ ने कहा था कि वे हर घपले की जाँच कराएंगे। वे ब्राज़ील के संसदीय आयोग यानी सीपीआई के प्रमुख बनाए गए हैं।
ब्राज़ील की संसद ने अप्रैल में ही कोरोना से निपटने में राष्ट्रपति बोसोनारो के कामकाज की जाँच शुरू कर दी थी। पर बीते कुछ हफ़्तों में काफ़ी ज़्यादा अनियमितताओं के आरोप लगे।
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