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ओबामा, मर्केल ने लिखा- 'मनमोहन सिंह बुद्धिमान, विचारशील, ईमानदार शख्स' 

मनमोहन सिंह को देश में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में 'भारत में आर्थिक सुधारों के जनक' के तौर पर जाना जाता है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, पूर्व जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल जैसे वैश्विक नेताओं ने अपने संस्मरणों में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री को बुद्धिमान, विचारशील और ईमानदारी से काम करने वाले व्यक्ति के रूप में क़रार दिया है।

उन्होंने अपने संस्मरणों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ अपनी बातचीत के बारे में लिखा है। ओबामा ने 1991 के उदारीकरण प्रयासों के माध्यम से भारत को बाजार आधारित भारतीय अर्थव्यवस्था में बदलने में मनमोहन सिंह की भूमिका के बारे में बात की, जबकि एंजेला मर्केल ने बताया कि कैसे मनमोहन सिंह ने उन्हें विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के संदर्भ को समझने में मदद की।

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ओबामा ने मनमोहन सिंह को 'अपने देश की अर्थव्यवस्था के आधुनिकीकरण' का श्रेय दिया। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार ओबामा ने उनको एक सौम्य, मृदुभाषी अर्थशास्त्री बताया। उन्होंने कहा उनकी सफेद दाढ़ी और पगड़ी उनके सिख धर्म के प्रतीक थे, लेकिन पश्चिमी नज़र में वे एक पवित्र व्यक्ति की तरह दिखते थे। ओबामा लिखते हैं कि 1990 के दशक में वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मनमोहन सिंह लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल रहे।

उन्होंने लिखा है, 'प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान मैं मनमोहन सिंह को बुद्धिमान, विचारशील और ईमानदारी से काम करने वाला व्यक्ति मानता हूँ।' भारत को बाज़ार आधारित भारतीय अर्थव्यवस्था में बदलने में मनमोहन सिंह की भूमिका पर विचार करते हुए ओबामा लिखते हैं: '1990 के दशक में अधिक बाज़ार आधारित अर्थव्यवस्था में बदलाव ने भारतीय लोगों की असाधारण उद्यमशीलता, प्रतिभा को उजागर किया था - जिसके परिणामस्वरूप विकास दर में उछाल आया, एक उन्नत उच्च तकनीक सेक्टर और लगातार बढ़ता हुआ मध्यम वर्ग सामने आया।'

ओबामा लिखते हैं कि भारत के आर्थिक बदलाव के मुख्य वास्तुकार के रूप में मनमोहन सिंह एक छोटे से, अक्सर सताए जाने वाले सिख धार्मिक अल्पसंख्यक के सदस्य, देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि सिंह ने लोगों का विश्वास उनकी भावनाओं को आकर्षित करके नहीं, बल्कि उच्च जीवन स्तर लाने और भ्रष्ट न होने की अच्छी-खासी प्रतिष्ठा बनाए रखने के द्वारा जीता था। 
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पूर्व प्रधानमंत्री के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों के बारे में ओबामा लिखते हैं: 'हमारे साथ बिताए समय ने उनके बारे में मेरी शुरुआती धारणा की पुष्टि की कि वे एक असाधारण बुद्धि और शालीनता वाले व्यक्ति थे; और राजधानी नई दिल्ली की मेरी यात्रा के दौरान, हमने आतंकवाद, वैश्विक स्वास्थ्य, परमाणु सुरक्षा और व्यापार पर अमेरिकी सहयोग को मजबूत करने के लिए समझौते किए।'

2005 से 2021 के बीच जर्मनी की चांसलर रहीं एंजेला मर्केल ने अपने संस्मरण में लिखा है कि वह पहली बार अप्रैल 2006 में मनमोहन सिंह से मिली थीं, जब उन्होंने आधिकारिक तौर पर हनोवर मेसे, एक अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का उद्घाटन किया था। उन्होंने लिखा कि सिंह का 'प्राथमिक उद्देश्य भारत की 1.2 बिलियन आबादी के दो-तिहाई लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना था, जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहते थे'।

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उन्होंने लिखा, 'यह 800 मिलियन लोगों के बराबर था, जो जर्मनी की पूरी आबादी का दस गुना था। उनके साथ मेरी बातचीत में मैं उभरते देशों की हमारे समृद्ध देशों के प्रति गलतफहमी को बेहतर ढंग से समझ पाई।' 

उन्होंने बताया कि मनमोहन सिंह ने उन्हें 'अपने देश की सांस्कृतिक विविधता के बारे में बताया, जो एक उपमहाद्वीप है जिसका इतिहास पांच हजार साल से भी ज्यादा पुराना है।'

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क़मर वहीद नक़वी
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