चुनाव आयोग आज इस बात पर फैसला करेगा कि राजनीतिक दलों को चुनावी रैलियां करने की इजाजत दी जाए या नहीं। चुनाव आयोग ने जिस दिन पांच राज्यों के चुनाव कार्यक्रम का एलान किया था उस दिन यह भी कहा था कि 15 जनवरी तक किसी भी तरह के रोड शो, पदयात्राएं, रैलियां और अन्य चुनावी कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे।
आयोग ने कहा था कि वह 15 जनवरी को हालात की समीक्षा करेगा लेकिन जिस तरह के हालात कोरोना के चलते बन रहे हैं उसमें ऐसा नहीं लगता कि चुनाव आयोग चुनावी राज्यों में किसी तरह के बड़े चुनावी कार्यक्रम करने की इजाजत देगा।
कोरोना के मामले बीते कुछ दिनों में ही बढ़कर ढाई लाख का आंकड़ा पार कर चुके हैं। ऐसे में अगर चुनावी रैलियों, रोड शो की इजाजत दी गई तो निश्चित रूप से संक्रमण के फैलने का खतरा रहेगा।
ऐसे हालात में सभी राजनीतिक दलों ने वर्चुअल चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। सभी राजनीतिक दल फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम वॉट्सऐप सहित दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी चुनावी जंग लड़ रहे हैं।
हालांकि अगर आने वाले कुछ दिनों में कोरोना के मामले कम होते हैं तो आयोग आगे भी हालात की समीक्षा कर इस संबंध में कोई फैसला कर सकता है।
कोरोना के हालात को देखते हुए पोलिंग बूथ पर थर्मल स्कैनिंग, मास्क समेत तमाम जरूरी इंतजाम करने के निर्देश चुनाव आयोग ने दिए हैं। पोलिंग बूथ भी ग्राउंड फ्लोर पर बनाए जा रहे हैं।
पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में एक चरण में जबकि उत्तर प्रदेश में सात और मणिपुर में दो चरणों में मतदान होगा। 10 मार्च को पांच राज्यों के चुनाव नतीजे आएंगे।
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