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असम के सीएम की विवादित टिप्पणियां बढ़ीं, अब गौरव गोगोई से क्यों उलझे? 

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बीजेपी नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर जबरदस्त हमला किया है। हिमंता ने गौरव की ब्रिटिश पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न पर पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई से संबंध होने का आरोप लगाया था। हालांकि हिमंता आये दिन अपनी टिप्पणियों से विवादों खड़े करते रहते हैं। गौरव गोगोई इन दिनों संसद में मोदी सरकार से तीखे सवाल पूछ रहे हैं।

गौरव गोगोई ने उनके आरोपों को "हास्यास्पद" बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि अगर उनकी पत्नी आईएसआई एजेंट हैं, तो वह रॉ (भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी) के एजेंट हैं। बता देंकि इस पृष्ठभूमि पर सलमान खान-कैटरीना कैफ की सुपरहिट मूवी एक था टाइगर बन चुकी है। उसके बाद उसका अगला भाग भी आ चुका है। गौरव गोगोई ने हिमंता को जवाब देते हुए कहा कि अगर एक परिवार जिसके खिलाफ कई मामले और कई आरोप हैं, अब मेरे खिलाफ आरोप लगा रहा है। दरअसल, असम के मुख्यमंत्री ये आरोप केवल अपने खिलाफ आरोपों से ध्यान हटाने के लिए लगा रहे हैं।"

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हिमंता बिस्वा सरमा के अलावा बीजेपी ने भी गौरव गोगोई के खिलाफ इस मुद्दे को उछाला है। बीजेपी समर्थक गोदी मीडिया इसे काफी तूल दे रहा है। गोगोई ने कहा कि बीजेपी द्वारा लगाए गए ऐसे आरोप नए नहीं हैं और उन्होंने पार्टी पर पिछले साल के लोकसभा चुनावों से पहले उनके और उनके परिवार के खिलाफ बदनामी का अभियान चलाने का आरोप लगाया। कांग्रेस सांसद ने कहा, "बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है और वह इन निराधार आरोपों का सहारा लेती है। जोरहाट संसदीय क्षेत्र के लोगों ने मुझे चुनकर बीजेपी को इसका जवाब दिया है।"

बीजेपी नेता गौरव भाटिया ने कहा, "विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई की पत्नी एलिज़ाबेथ कोलबर्न... पाकिस्तान योजना आयोग के सलाहकार अली तौकीर शेख और आईएसआई के साथ उनके संबंध पाए गए हैं। यह बेहद चिंताजनक है और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है, इसलिए उम्मीद है कि राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और गौरव गोगोई पाकिस्तान और आईएसआई के साथ उनके संबंधों को स्पष्ट करेंगे।" यह आरोप लगाते हुए गौरव भाटिया, हिमंता बिस्वा सरमा और अन्य बीजेपी नेता यह नहीं बता पा रहे हैं कि गौरव गोगोई की पत्नी के आईएसआई से संबंध भारत की किस जांच एजेंसी ने पाये हैं।

गोगोई के जवाब के बाद, हिमंत सरमा ने कांग्रेस नेता पर नया हमला किया। जिसमें उन्होंने भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित के निमंत्रण पर कुछ “युवा भारतीयों” के साथ 2015 में पाकिस्तान की यात्रा का ब्यौरा दिया। सरमा ने कहा कि पाकिस्तान की यात्रा के बाद गोगोई के ज्यादातर संसदीय सवाल “संवेदनशील रक्षा मामलों, जिसमें कोस्टल रडार प्रतिष्ठानों, भारत के हथियार कारखानों, ईरान के साथ व्यापार के लिए समुद्री मार्ग, कश्मीरी छात्रों और चर्चों पर कथित हमलों के बारे में होने लगे।”

अपनी आदत और परंपरा के मुताबिक बीजेपी नेता ने इस कथित मामले को अमेरिकी इन्वेस्टर जॉर्ज सोरोस कर्टेल से जोड़ दिया है।

विवादित बयानों के लिए चर्चित हैं हिमंता बिस्वा सरमा

गौरव गोगोई पर कीचड़ उछालने वाले असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं।सरमा ने दिसंबर 2023 में एक विवादित ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा था कि ब्राह्मणों, क्षत्रियों और वैश्यों की सेवा करना शूद्रों का स्वाभाविक कर्तव्य है। इस पोस्ट ने विवाद खड़ा कर दिया। विपक्ष ने इसे "भाजपा की मनुवादी विचारधारा" बताया। जब हिमंता घिर गये तो माफी मांगते हुए उन्होंने उस दलित विरोधी ट्वीट को डिलीट कर दिया। उनके माफीनामे का ट्वीट ये रहा-
सरमा अक्सर कांग्रेस और खासकर राहुल गांधी का मजाक उड़ाते रहते हैं। उन्होंने 'भारत जोड़ो यात्रा' का मज़ाक उड़ाया था और इसे इस सदी की सबसे बड़ी कॉमेडी में से एक बताया था। उन्होंने कहा कि हमारे देश को भारत जोड़ो जैसी यात्राओं की ज़रूरत नहीं है क्योंकि "हम एक अखंड भारत में रहते हैं"। उन्होंने कहा, "भारत का विभाजन सिर्फ़ एक बार 1947 में हुआ था जब एक नए देश पाकिस्तान का जन्म हुआ था और यह राहुल गांधी की पार्टी कांग्रेस थी जिसने उस विभाजन को होने दिया।" सरमा ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को सुझाव दिया कि उन्हें इसके बजाय पाकिस्तान की यात्रा करनी चाहिए।

चीनी संविधान का मामला

असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी के संविधान की कॉपी दिखाने पर भी पिछले साल हमला किया था। सरमा ने ट्वीट में कहा था- राहुल अपनी सभाओं में उपस्थित लोगों को लाल रंग का चीनी संविधान दिखा रहे हैं।

हमारे संविधान में नीले रंग का एक अध्याय है, जिसे राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांत कहा जाता है, जो हमारे देश में समान नागरिक संहिता लागू करना हमारा पवित्र कर्तव्य बनाता है; राहुल अब इसका विरोध कर रहे हैं। इसलिए मुझे यकीन है कि उनके हाथ में जो संविधान है, वह चीनी संविधान ही होगा। 

  • एनडीटीवी और अन्य फैक्ट चेकर्स ने बताया कि हिमंता सरमा का राहुल गांधी पर संविधान को लेकर किया गया हमला भ्रामक और तथ्यहीन है। राहुल जिस संविधान को अपनी सभाओं में दिखाते हैं, वो मूल संविधान की ही कॉपी है।

सरमा ने बताया कैंसर क्यों होता है

हिमंता बिस्वा सरमा का एक ट्वीट आज भी लोगों के दिमाग से नहीं उतरता। 2017 में यह शख्स अमस का स्वास्थ्य मंत्री था। हिमंता ने बयान दिया था-  लोग अतीत में किए गए पापों के कारण कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से पीड़ित हैं। हिंदू धर्म कर्म के नियम में विश्वास करता है और मानव पीड़ा पिछले जन्म में किए गए कर्मों की कमी से जुड़ी है। लोग अदृश्य के खिलाफ किए गए पापों की भरपाई नहीं कर सकते। कई लोग अक्सर आश्चर्य करते हैं कि एक व्यक्ति कैंसर से क्यों पीड़ित हुआ, एक युवा कैंसर से क्यों प्रभावित हुआ। लेकिन जब आप पृष्ठभूमि देखेंगे, तो पाएंगे कि यह ईश्वरीय न्याय है, और कुछ नहीं।
  • पिछले दिनों हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर परिवार की फोटो पोस्ट की थी। सरमा का बेटा विदेश में पढ़ रहा है। सोशल मीडिया पर लोगों ने लिखा था कि आम भाजपा कार्यकर्ता के बच्चे बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद में जाते हैं। दूसरी तरफ हिमंता बिस्वा सरमा, शिवराज सिंह चौहान जैसे भाजपा नेताओं के बेटे-बेटियां विदेश में पढ़ते हैं। 
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सरमा के इस बेहूदे ट्वीट से देशभर में नाराजगी फैली। खासकर कैंसर पीड़ितों ने बीजेपी नेता के इस बयान पर गंभीर आपत्तियां जताईं। पूरी दुनिया में अभी तक कैंसर का इलाज नहीं खोजा जा सका है और यह शख्स कैंसर को पिछले पापों की वजह बता रहा है। असंवेदनशील टिप्पणी के लिए आलोचना झेलने के बाद, सरमा ने माफ़ी मांगते हुए इस विवाद को “नासमझी और कुछ राजनीतिक हताश लोगों द्वारा शुरू किया गया” बताया। अपनी सफाई में सरमा ने कहा था, “टीवी स्टूडियो में इतने सारे ऑन्कोलॉजिस्ट कैंसर के होने का कारण बता रहे हैं? लेकिन ऐसा क्यों हो रहा है कि कुछ लोगों को कैंसर हो रहा है और दूसरों को नहीं, जबकि वे एक ही वातावरण में रह रहे हैं। विज्ञान हमारे कई सवालों का जवाब नहीं दे पाया है और इसलिए हमारे आखिरी समय में, हमें भगवान से प्रार्थना करने के लिए कहा जाता है। हालाँकि मैं विज्ञान के खिलाफ नहीं हूँ। मेरे बयान से किसी को कोई चिंता या समस्या हुई है, तो मैं इस दर्द के लिए बिना शर्त माफ़ी माँगता हूँ।”

असम के सीएम के सिर्फ चंद विवादित बयानों या ट्वीट का यहां जिक्र किया गया है। लेकिन विवादित बयानों की तादाद इतनी ज्यादा है कि उसे लिखने पर कई पन्ने भर जायेंगे और पढ़ने वाले भी बोर हो जायेंगे। 
(रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी)
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क़मर वहीद नक़वी
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