सरकार ने शनिवार शाम को एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें 1985 बैच के पंजाब काडर के आईएएस अरुण गोयल को केंद्रीय चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त नियुक्त कर दिया गया। वे मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे के साथ टीम में शामिल होंगे।
सरकार किस तरह अपने कदम उठाती है, उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कामरान रिजवी को केंद्र सरकार ने भारी उद्योग मंत्रालय में 19 अक्टूबर को ओएसडी नियुक्त किया था। कामरान के तबादला आदेश में लिखा था कि वो अरुण गोयल के 31 दिसंबर 2022 तक रिटायर होने के समय तक ओएसडी बने रहेंगे। यानी सरकार 31 दिसंबर को कामरान रिजवी को सचिव हैवी इंडस्ट्रीज बनाने वाली थी। लेकिन बीच में क्या होने वाला है, इसे सिर्फ अरुण गोयल और पीएमओ जानता था।
अभी जब कल शुक्रवार को अरुण गोयल ने वीआरएस का आवेदन किया और फौरन मंजूर कर लिया गया तब तक भी ब्यूरोक्रेट्स सर्कल में किसी को अरुण गोयल को चुनाव आयुक्त बनाने की भनक नहीं थी। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने जब उनका वीआरएस मंजूर किया तो कुछ ब्यूरोक्रेट्स ने अंदाजा लगाया था कि शायद अरुण गोयल को पंजाब में आम आदमी पार्टी ने कोई पेशकश की है, क्योंकि वो पंजाब काडर से ही हैं। लेकिन पूरी नौकरशाही के कयास धरे रह गए।
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