उन्होंने कहा कि अगले 4-5 वर्षों में, हम 50,000-60,000 सैनिक भर्ती करेंगे जो बाद में बढ़कर 90,000 - 1 लाख तक जाएगा। हमने योजना का विश्लेषण करने के लिए 46,000 से छोटी शुरुआत की है। हम बुनियादी ढांचे की क्षमता बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। लेकिन अब सेना में रेगुलर भर्तियां नहीं होंगी।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव भी हैं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम सेना में युवाओं को समान अनुपात में जोश और होश का संयोजन चाहते हैं। अग्निपथ लाने का मकसद ये है कि आने वाले युद्ध तकनीकी रूप से लड़े जाएंगे। आज का युवा तकनीक में माहिर है। इसलिए सरकार अग्निपथ और अग्निवीर योजना लाई है।
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अग्निवीरों को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू है। सेवा शर्तों में अग्निवीरों के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।
-लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी, रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में
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अग्निपथ स्कीम वापस नहीं होगी। जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है, वो तीनों सेनाओं में कभी भी ज्वाइन नहीं कर सकेंगे। भारती सेना एक अनुशासित संगठन है। इसमें प्रदर्शन, तोड़फोड़ की कोई जगह नहीं है। इसमें सौ फीसदी वेरिफिकेशन होगा।
-लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी, रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में
भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के लिए भर्ती प्रक्रियाः 24 जून से ऑनलाइन शुरू होगी भर्ती। 24 जुलाई को पहले चरण की ऑनलाइन परीक्षा शुरू होगी। दिसंबर अंत के पहले चरण में नामांकन होगा। 30 दिसंबर से पहले बैच का प्रशिक्षण शुरू होगा।
नौसेना (नेवी) की भर्ती योजना
- 21 नवंबर को पहला अग्निवीर जत्था प्रशिक्षण केंद्र पर देगा रिपोर्ट
- नौसेना में अग्निवीर जेंडर न्यूट्रल होगी
- महिलाओं को काम पर रखा जाएगा
- इस साल 21 नवंबर से पहला नौसैनिक 'अग्निवीर' प्रशिक्षण प्रतिष्ठान आईएनएस चिल्का, ओडिशा में पहुंचना शुरू हो जाएगा। इसके लिए महिला और पुरुष दोनों अग्निवीरों की अनुमति है।
इस मौके पर घोषणा की गई कि 1 जुलाई से सभी भर्ती कार्यालयों से नोटिफिकेशन जारी होगा। उसमें रजिस्ट्रेशन का विकल्प मिलेगा। सेना में भर्ती के लिए रैलियां अगस्त के पहले पखवाड़े में शुरू होंगी। सभी कैंडिडेट्स को यह लिखकर देना होगा कि उन्होंने अग्निपथ विरोधी किसी भी आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया है।
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