प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अडानी-अंबानी के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को छेड़ना मुसीबत वाला साबित हुआ है। राहुल गांधी का जवाबी हमला इंटरनेट पर 3 करोड़ से अधिक बार देखा जा चुका है। भाजपा आईटी सेल उस वीडियो के दस घंटे बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दे पाया। पार्टी ने पूरी तरह चुप्पी साध ली है। पार्टी की ओर से राहुल के हमले के जवाब में मोदी के बचाव के लिए कोई आगे नहीं आया। कोई भी टीवी चैनल अंबानी और अडानी पर कांग्रेस का मुकाबला करने के लिए कोई तर्क नहीं दे सका। लेकिन कांग्रेस गुरुवार को इस मुद्दे पर आक्रामक रही। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत से लेकर तमाम कांग्रेस नेताओं ने मोदी को अडानी से जोड़ते हुए कई फोटो गुरुवार को सोशल मीडिया पर जारी किए।
मोदी ने बुधवार को तेलंगाना की रैली में कहा था- "मैं उनसे (राहुल गांधी) यह बताने के लिए कह रहा हूं कि उन्होंने उनसे कितना पैसा लिया है। राफेल के खिलाफ उनका भाषण नाकाम होने के बाद, उन्होंने 'पांच कारोबारी, पांच कारोबारी' का जाप शुरू कर दिया। बाद में, उन्होंने 'अंबानी-अडानी' का जाप करना शुरू कर दिया। लेकिन चुनाव की घोषणा होने के बाद, उन्होंने अचानक रातों-रात अंबानी और अडानी को गाली देना बंद कर दिया। दाल में जरूर कुछ काला है। मैं तेलंगाना की धरती से पूछना चाहता हूं: शहजादा को बताने दीजिए कि अंबानी-अडानी से कितना पैसा उठाया गया है। क्या कांग्रेस के पास तेजी से पैसा पहुंचा है? ऐसी कौन सी डील हुई कि रातोरात अंबानी-अडानी को गाली देना बंद हो गया?” इसके बाद राहुल ने इसका जवाब दिया जो इंटरनेट पर दूसरे दिन भी छाया हुआ है। लेकिन भाजपा खेमे में खामोशी है। सरकार समर्थित चैनल खामोश हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि आज (गुरुवार) दोपहर के 1 बजे हैं और द लाइंग किंग (झूठा राजा) की ओर से झूठ की कोई झड़ी नहीं लगी है। @नरेंद्र मोदी
अभी तक. क्या हो रहा है? उसकी 'गति' इतनी धीमी क्यों है? क्या वह कल सार्वजनिक रूप से अपने दो दोस्तों की काला धन जमा करने की आदतों का खुलासा करने के बाद उन्हें शांत कर रहे हैं?
जयराम रमेश ने इसके बाद मोदी के अडानी के विमान में यात्रा करते हुए एक ट्वीट किया। जिसमें रमेश ने लिखा है- यह उचित है कि कमर्शल जेट, जिनमें लाखों लोग यात्रा करते हैं, पर शून्य आयात शुल्क लगता है। लेकिन मोदी सरकार निजी जेट विमानों पर आयात शुल्क शून्य करने की योजना बना रही है, जिसमें केवल उनके पूंजीपति दोस्त यात्रा करते हैं। हम सब जानते हैं कि किसे फायदा होगा। यह प्रधानमंत्री को उनके असली रंग में दिखाता है।' यानी जयराम रमेश के कहने का आशय यह है कि जिन फ्लाइट्स में भारत के आम लोग उड़ते हैं, उस पर शून्य आयात शुल्क लगता है जो ठीक है। लेकिन मोदी सरकार निजी जेट विमानों पर भी शून्य आयात शुल्क लगाने जा रही है। मतलब की इससे देश के चंद कारोबारी लोगों को फायदा होगा। जिसमें अडानी-अंबानी तो खैर आते ही हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने भी अडानी से जुड़ा मोदी का फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किया जो पहले से ही वायरल है। सुप्रिया ने कहा-
नरेंद्र मोदी ने अपनी आगामी हार देख अडानी-अंबानी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा है कि यह दोनों टेम्पो में भर-भरकर काला धन बांट रहे हैं
पर इस खुलासे के बाद भी जांच एजेंसी और मीडिया को सांप सूंघ गया है
डरिए मत मोदी जी, जांच कराइए, हम आपके साथ हैं। 10 साल भ्रष्टाचार में डूबे रहने के बाद कल (बुधवार) नरेंद्र मोदी ने अडानी और अंबानी के टेम्पो में काले धन का पर्दाफ़ाश किया
नरेंद्र मोदी को ये हिम्मत राहुल गांधी की निर्भीकता से मिली - जैसे मुस्तैदी से राहुल जी लगातार भ्रष्टाचारियों का भांडाफोड़ रहे हैं। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा- नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार पर किए खुलासे ने पूरी भाजपा और सरकार में हड़कंप मचा दिया है। सबको लग रहा है कि हार से घबरा कर अगर मोदी अपने जिगर के टुकड़े को कुर्बान कर सकते हैं तो हम क्या चीज हैं?
सरकार में सबसे ज्यादा डरे हुए अमित शाह हैं।
सोशल मीडिया पर संसद में राहुल गांधी द्वारा दिखाया गया फोटो भी गुरुवार को वायरल है।
राहुल गांधी ने संसद में यह फोटो दिखाया था।
कांग्रेस प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए लगभग 100 चार्टर्ड उड़ानों - देश और विदेश दोनों में - पर सवाल उठाती रही है। कांग्रेस ने बार-बार जानना चाहा कि इन यात्राओं के लिए किसने भुगतान किया था।
कांग्रेस का कहना है इस हवाई यात्रा की अनुमानित लागत लगभग 16.56 करोड़ रुपये थी और पूछा कि इसका भुगतान किसने किया था। अर्जुन मोढवाडिया ने आरटीआई के जरिए 2003 और 2007 के बीच मोदी की यात्रा के बारे में जानकारी मांगी थी। आरटीआई के अनुसार, मोदी ने स्विट्जरलैंड (1 जुलाई, 2007), दक्षिण कोरिया (16 जून, 2007), जापान (15 अप्रैल, 2007) और चीन (1 नवंबर) की यात्रा की। जिसमें कुछ प्रसिद्ध उद्योगपति भी थे। भाजपा और मोदी की ओर से आजतक इस पर कोई सफाई पेश नहीं की गई।
राहुल गांधी अपनी दोनों भारत जोड़ो यात्रा से पहले से ही अडानी-अंबानी का नाम लेकर मोदी पर हमला कर रहे हैं। लेकिन यहां पर हम आपको हाल की कुछ रैलियों के बारे में बताएंगे, जिसमें राहुल ने अडानी-अंबानी का नाम लेते हुए मोदी पर हमला बोला। अभी 7 मई को ही राहुल ने झारखंड में हमला बोला। झारखंड में 7 मई को राहुल के शब्द थे- “भाजपा कहती है कि आप वनवासी हैं और वे सारी वन भूमि अडानी को दे देंगे। 24 घंटे... वह जो कुछ भी करते हैं अरबपतियों के लिए करते हैं। उनके अडानी और अंबानी जैसे 22-25 दोस्त हैं और जो भी काम कर रहे हैं वह उन्हीं के लिए है।''
राहुल ने 6 मई को मध्य प्रदेश के खरगौन में कहा था- “पूरा सार्वजनिक क्षेत्र ख़त्म हो जाएगा और देश पर 22-25 लोगों का शासन होगा। ये लोग हैं कौन? ये भारत के अरबपति और अडानी जैसे लोग हैं जिनकी नजर आपकी जमीन, जंगल और पानी पर है। वे चाहते हैं कि ये चीजें आपसे छीन ली जाएं और उन्हें सौंप दी जाएं. और वे नरेंद्र मोदी के खास दोस्त हैं। क्या आपने अडानी का नाम सुना है? पीएम अडानी को आपकी जमीन, जल और जंगल देना चाहते हैं... सभी हवाई अड्डे, बिजली स्टेशन, बंदरगाह, बुनियादी ढांचा पीएम मोदी ने इन 22-25 लोगों को दे दिया है।'' राहुल ने 6 मई को रतलाम में कहा था- “प्रेस कभी भी आदिवासियों के बारे में बात नहीं करता है। इसमें अंबानी की शादी, बॉलीवुड, डांसिंग दिखाई जाएगी। लेकिन जब आदिवासियों पर अत्याचार होता है, आपकी जमीन छीन ली जाती है तो ये नहीं दिखाते...नरेंद्र मोदी ने 22 अरबपति लोगों का कर्ज माफ किया है। अगर वे अमीरों को पैसा दे सकते हैं, तो हम दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और सामान्य वर्ग के गरीबों को दे सकते हैं।''
राहुल गांधी ने 4 मई को दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा- "मीडिया में कोई दलित, आदिवासी, पिछड़े और सामान्य वर्ग के गरीब लोग नहीं हैं।... कॉर्पोरेट भारत को देखें। सबसे बड़ी 200 कंपनियां... आपको एससी, एसटी, पिछड़े समुदायों और सामान्य वर्ग के गरीबों में से कोई भी नहीं मिलेगा ...क्या आपका या किसी रिश्तेदार का कर्ज माफ किया गया है? अडानी जी और 22 अरबपतियों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया है, यह 24 साल के लिए मनरेगा का पैसा है।" इससे पहले राहुल ने 2 मई को कर्नाटक के शिमोगा में कहा था- “पिछले दस वर्षों में, उन्होंने 22 लोगों के लिए काम किया है। उन्होंने भारत की संपत्ति 22 लोगों की जेब में डाल दी...अडानी, अंबानी और ऐसे लोगों की जेब में...हम करोड़ों लखपति बनाने जा रहे हैं।'' राहुल के मई में दिए गए भाषण का जिक्र हमने इस रिपोर्ट में किया है। लेकिन अप्रैल और मार्च में तो राहुल ने अडानी-अंबानी को मोदी से जोड़कर आरोपों की झड़ी लगा दी थी। यानी पिछले एक वर्ष में कोई महीना खाली नहीं गया है जब राहुल ने इन कारोबारियों का नाम लेते हुए मोदी पर हमला न बोला हो।
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