मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया की किताब ‘लेट मी से इट नाउ’ आने के बाद 2008 में हुए आतंकवादी हमले को लेकर एक बार फिर जोरदार बहस शुरू हो गई है। मारिया ने अपनी किताब में ख़ुलासा किया है कि आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा अजमल कसाब को हिंदू के तौर पर पेश करना चाहता था। लश्कर ने कसाब का नाम समीर दिनेश चौधरी रखा था और उसे बेंगलुरू का निवासी बताने की कोशिश की थी। कसाब के हाथ में बंधे लाल धागे को लेकर तब ‘हिंदू आतंकवाद’ शब्द को लेकर काफ़ी चर्चा हुई थी।
मुंबई हमला: पूर्व कमिश्नर मारिया के ख़ुलासे के बाद बीजेपी नेता कांग्रेस पर हमलावर
- देश
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- 19 Feb, 2020
बीजेपी का कहना है कि हिंदुओं को बदनाम करने के लिए कांग्रेस ने तब कई तरह के आरोप लगाए थे लेकिन मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त की किताब से सच्चाई सामने आ गई है।

मारिया के ख़ुलासे के बाद बीजेपी नेता कांग्रेस पर हमलावर हो गये हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि हिंदुओं को बदनाम करने के लिए कांग्रेस ने तब कई तरह के आरोप लगाए थे लेकिन मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर की किताब से सच्चाई सामने आ गई है।